कोशिश थी किसी और की बनने का,
पर क्यों, जब खुद का न बन सका।
जब ढूंढा था आपको, था मेरा जीवन बेरंग,
पर इस खोज ने कर दिया है उसको सतरंग।
काश औरों को समझा पाता मैं इस सफर की अहमियत,
बस आप ही हैं इस कायनात में कायमियत।
अब बैठा हूं मैं राह की अंत पर बनकर खामोश,
लेकर नैना में एक नूर, जिससे दिखा दिया फिरदौस।
I tried to belong to someone else,
But why, when I couldn’t even belong to myself.
When I sought you, my life was colorless,
But this search has adorned it with colors.
Oh, how I wish I could make others understand the significance of this journey,
For it is only you who embody permanence in this universe.
Now, I sit in silence at the journey’s end,
Carrying a light in my eyes, one that revealed paradise.