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Mystic Ink Plus Mar 2019
पानीमे भिगनेका मजा जाने उसको क्या पता —२
सराबका जलानेका अदा उसको क्या पता
पानीमे भिगनेका मजा जाने उसको क्या  पता
मेहखाना हे ए मेहखाना —२

प्यासेको मेहखानेका दिसा कोइ न बताए
लहेरे पारसे  चाँद दिखा उसको न बताए  
अधेरो बाद साम हुइ  उसको कोइ न बताए
महेखाना हे ए महेखाना —२

पिनेका मजा आकर मुझसे  न पुछो
पानीमे भिगनेका मजा मुझसे न पुछो
कहनेको क्या हे बाकी, अब तुुमभी कुछ कहो
महेखानेमे गिरनेका मजा उसको क्या पत्ता
महेखाना हे ए  महेखाना —२
    
टक्राकर पिनेका आलम, आगया नसा —२
लर खराते घुमनेका सुरु हो  रहा  सिलसिला
पानीमे भिगनेका मजा जाने  उसको क्या पत्ता
सराबका जलानेका अदा उसको क्या पत्ता
महेखानेमे गीरनेका मजा उसको क्या पत्ता
महेखाना हे ए  महेखाना —३
Genre: Romantic Gazal
Theme: Intoxication
Mystic Ink Plus Mar 2019
सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे , क्या कही —२

व तेरा य मेरा फिरसे कौन कहेगा
मीट्टीको कैसे, कहाँ कोइ इन्सान छोडेगा
व पहेली बक्तपे, किसने क्या ले आएँ
मीट्टीही  एक थी जो ए सोच  रहीथी —२
व पीछली बक्तपे किसने सँग क्या ले गएँ
मीट्टीही एक थी जो ए देख रहीथी

सोइ नही  हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे क्याँ कही
फूलका वासमे भमरे क्यू डूले
रोसनी वाद ही चाँद फिर क्यू डुले
दर्दसेही आखोँमे आँसुव क्यू  गीरे

सोइ नहीहे आँख क्यू तेरी    
आँसु गिर रहा हे, क्याँ कही
फूलका  वासमे भमरे क्यू भूले
रोशनी बादही चाँद फिर क्यू  डुले
दर्दसेही  आँखमे आँसुव क्यू गिरे

सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे क्याँ कही
व तेरा ए मेरा फिरसे कौन कहेगा
लहुके , रंगमे होली फिरसे कौन खेलेगा
दर्देदिल देखकर लोग फिर  क्यू  हसँे

सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर  रहा  हे, क्या कही—२
Genre: Observational
Theme: Motherland || Mud || Nature
Mystic Ink Plus Mar 2019
निला निलासा गगन, निचेह‘े  हरी चौडीया
सामने घनी बस्ती फाँटमे फ्m,ूल पंछिया
हवाभी महेके समल समलके   जुल्फ  लहेराके
अनाज होे भरि खेतोमे, नही कोइ पेट खाली —२

हाथ होगा कामोमे, नही होगा कोइ खाली
परदेशके अप्ने, लौट आएङगे वापस प्यारि  भूमी
होगा फिर खुस्हाली, गाउँमे लौटेगा दिवाली
न रहेगा सिमाए,  न होगा धर्तीके  लकिरँे —२

भाइ भाइ कहेङगे सब , नही कोइ अनोखी आस्थाए
न कहेगा काइ मेरा, न बने कोइ पराया
दर्द तो होगा ही घाँउमे, मगर लगादे मलहम सभी
आसु जब किसिके टप्के दिल रहे सबकी हैरानी —२

अनाज हो भरि खेतोमे नही कोइ पेट खाली
न रहेगा कोइ मेरा न बने कोइ पराया
दर्द तो होगा ही घाउमे, मगर लगादे मलहम सभी —२
Genre: Gazal
Theme: Village Life || Social life
Mystic Ink Plus Mar 2019
मुझे इन, साँयाका नाम बतादे कोइ
संग रहेताहे , जो मेरे , खुसीमे , और, मुस्किलोमे
साँस  नहीँ, चाल नही, नहीँ, एसा, कोइ, साथी —२
कास कोइ, सिखादे, इसे कुछ, प्यार, भरि बातेँ
सम्झाउँ राम कहानी, तो, व लगे मुस्कुराने —२

साफ हे, दोष नहीँ ,  नही, कोई, उसके सपने
सपनेतो, व देखतेहेँ जिनका होँ पास अप्ने —२

अप्ना नहीँ मे तो क्यूँ रहेताहे इधर उधर
समाजाव, कहीँ विछड जाव नहीँ आँना, फिर दोबारा —२
कास, कोइ सिरवादे, इसे कुछ प्यार भरि बातेँ
सँझाउँ राम कहाँनी, तो, व लगे मुस्कुराने —२

क्यूँ आताहे संग, हरदम, साथ जतानेको मुझसे —२
समाजाव,  कहीँ विछड्जाव, नहीँ आना, फिर दोवारा

सम्झाया उसने,  मेरे पास क्यूँ  रहेताहे साथ साथ
कास, मे भी साया होता, तो रहँु  उसके  पास —२

न काइ उल्झने , न होगी कोइ, दिवारेँ —२
न कोइ चाहत,  न होगी  कोइ मुस्किले —२
न कोइ नाम, न  होगी  काइ, ठिगाने —२
साया बनके समाजाउ,   मे भी, एक बार —२
Genre: Gazal
Theme: Shadow
Mystic Ink Plus Mar 2019
सच एक जानलो, जितेँ हे हम खाब मे
उठ्नेका लाख कोशिस, मगर, रहेते हे उल्झनोमे —२
वक्तने थामली, एक वार, फिर घडी —२
क्यू होता, हे एसा, हरदम मे बेखबर
समरनेको कास, नही लग्ता, कोइ देर पल
तस्विरमे, रंग समानेको ,बाकिहे देर अभी
मे यहाँ हँु ,पर साँसहे कही थमी

सच एक जानलो, जितेँ हे हम् खाब मे
उठ्नेका लाख कोशिस, मगर रहेते हे उल्झनोमे
सगँ किया जोगीका, दुनीया, कहे मुझे पागल
उठ्कर फिर गीर्नेका, आया, फिर बालापन
रंग नही गेरुँका लेकिन, चाहतँे मेरी जोगी —२
साथ नही साँयोका पर रहु मुस्कुराते जही —२

उम्मिद मरी , आशाए नही लो देखो खुस हु अभी
वक्तने थामली,  एक वार, फिर घडी
क्यू होता, हे एसा हरदम मे बेखबर
सच एक जानलो, जितेँ हे हम खाब मे
उठ्नेका लाख कोशिस,  मगर, रहेते हे उल्झनोमे —३
Genre: Gazal
Theme: Longings
Mystic Ink Plus Mar 2019
लगा आज फिर चाँदनी रात हे —२
चिढिया बोले तो हमने ए माना
दुर कही तुम आइ हो
आज फिर चाादनी रात हे —२

उस तरफ रोसनी नही थी
उस तरफ किसिका खयाल नही था
पर आज भी चाँदनी रात हे —२

चिडिया बोले तो हमने ए माना
दुर कही तुम आइ हो
हवावमे ए महेक आया तो लगा
दुर कही तुम आइ हो

दुरसे पास आकर कोइ चले
दिलको चैन जबभी मीले
लगा आज फिर चाादनी रात हे
आज फिर  चाँदनी रात हे

आज फिर चादनीँ रात हे —५
Genre: Gazal
Theme: Inspiring Muse
Mystic Ink Plus Mar 2019
नसा नही था सराबका , वही अब बना सहारा
सराबी नही मे, पर हु उस् घडीका मारा

दुनीया कहे पागल, कोइ दिवाना
कोही मुह मोडे, कोही रुठ जाए
कोही  देखे घुरके , कोही फिर संझाए
याद नही मुझे बना कैसेमे, सराबी
कास, राहोमे कोइ मुझसे टक्राए —२

रात कट्ती नही, सराब बगयर
साकी मेरे बहुत, लेकिन, सवही सराबी
रंग बिरंगी सराब हे, लेकिन, नसा हे सबका वही
पिकर, पिलाकर आज फिर, एक आगया चेतना
कास, राहोमे कोइ मुझसे टक्राए —२

आजभी पिनाहे बनके सराबी
सुनेगा कोइ फिर, मेरे पुरि कहानी
रंगीन होगा मेहफिल,  झुमे सब सराबी
कम पडेगा आज फिर, महेकदाका पानी
याद नही मुझे बना कैसेमे सराबी
पिकर, पिलाकर आज फिर, एक आगया चेतन

नसा नही था सराबका , वही अब बना सहारा
सराबी नही मे पर हु उस् घडीका मारा —२
Genre: Gazal
Theme: Intoxication
Mystic Ink Plus Mar 2019
इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हँे
व उसका हम उसके बाकि सव हमारँे हँे
इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हँे

रातके साथ दिपका, दिनके साथ धुपका ——२
गगनके साथ बरिसका और मिट्टीके साथ पेडका ——२

इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हेँ
व उसका हम उसके, बाकि सब हमारँे हँे
इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हँे

सराबीका साथ मेहकदाका, भमरेका साथ रंगका ——२
हाथका साथ हाथोका और दिलका साथ दिलवालोका ——२

इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हँे
व उसका हम उसके, बाकि सब हामारे हँे ——२
इस दुनीयामे कहाँ कोइ पराया हे ——२
Genre: Gazal
Theme: Connection
So you are lost in dreams so deep whole night
And I long to hear phone's beep whole night



At dawn, I realised, my awakening
Though my destiny remained asleep whole night



I know the remedy, I know the toxin..
What to lose, and what to keep whole night



She might have waited for me to take her back
This is what made me to weep whole night



Sharafat, night is to sleep, not to write
Don't let enemies to creep whole night
Poet's observation and suffering of whole night.

— The End —