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Mar 2019
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील
दुरिया  जीत्नी बढादे दुनीया हे नही हम तुम्से जुदा
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील

जिसपलसे तेरी आँखोने दावत दिए हमको —२
जिसपलमे हमने देखाथा पहले तुुझको
जिसपलमे सुनानेको न रहीथी  बात अप्ने —२े
जिसपलसे हमने पूmलोकी तरह सजाया तुझको
तेरी  यादोकी अमानत हे भरि मेरे मनमे

खन्जर तो था हाथोमे  मगर थे नही  हम काँतील
दुरिया  जित्नी बढादे दुनीया हे नही हम तुझसे जुदा

तुुझसे मील्नेकी रोज चाहत हे भरि इस्  दिलमे
वही गलीया वही मन्जिल होकर गुजरतेँहे रात भर
तकलीफ  बढ्ता जा रहाहे  सहारा तेरी बगएर

खामोस साइ हो जबसे होे गया कब्र भी प्यारी —२
देखाहु तेरी कब्रके सामने हे जगा अभी खाली
आरहाहु  तुझसे मील्ने आज करके अप्नी छल्ली —२
लैटारहा हु अमानत तेरी लो समालो इसे अखिरी

खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील
दुरिया जीत्नी बढादे दुनीया हे नही हम तझसे जुदा
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील ।
Genre: Dark Gazal
Theme: Belonging
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
260
 
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