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Mystic Ink Plus Mar 2019
आपका  मनमे जो हे आज बताव हमे ——२
सामने हमारीसिवा न होगा कोइ दुसरे ——२

चेहेरा उठाकर अाँख मीलालो आँखसे
न घबराव लो वक्तका सामना करो
आप नजर मोडकर कभीतो हँसा करो ——२
चाहत, ख्वाइस् कभी तो सुनाया करो
मनमे कोइतो राज होगी आपके
हमको कभी अप्ना समझकर् कहाँ करो ——२

आपका मनमे जो हे आज बताव हमे
सामने  हमरीसिवा न होगा कोइ दुसरे

मनमे कोइतो राज होगी आपके
हमको कभी अप्ना समझकर कहा करो
दर्द भरी दिलका कहीँ तो होगी मलहम  ——२
ढुड लाउँ उसे एकवार दिशा दिखादो ——२
साथी हु आपका अबतो दुरि घटादो ——२
एकवार फिर नजर उठाकरके तो देखो ——४
Genre: Romantic Gazal
Theme: Tell Me More
Mystic Ink Plus Mar 2019
आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके ——२
दिदार करु आपका मे भरि मनसे
देखकर सरमाए लो व देखनेवाले

इस पलका आपको भी चाहत होगी मनमे
राँहाँे ढुड्ता हुए थक्ती होगी निगाहेँ
मनमे पुछनेको होगी हजार सवाले
देर नकरो, सिम्टादो अब ए सफर

आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके
खामोस चेहरा आपका सरमाना मन्जुर नही
महोबत दिलमे हा तो खुुलाना जरुरी नही

आजाव आप कभी फरियाद लेके
साथी होडगे बहुत लेकिन चल्ना फिर्ना छोड्दोगे
साथ हमारी पाकर खाब सजाना भूलदोगे

आजाव आप कभी फरियाद लेके
बोल सक्ते लोग चाहे मनगडी बातेँ
रोक्ना मत चाल, आप बीच राँहोमे
आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके ——३
Genre: Romantic Gazal
Theme: Appeal
Mystic Ink Plus Mar 2019
मन गोरा, रंग गोरा चंचलसी अदाए
दिवाने बनगँए हम देखकर उन निगाहँे
य खुबसुरती तुने पाइ कहाँसे ?——२

समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर
दवाकर रख्ना अप्नी बढ्ती धढ्कन
बन्द कर्दो होठपे लव्ज अप्नी
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

राहोमे तुम्हे भट्का सक्ता हे कोही
आवाज देकर बुला सक्ता हे कोही
बन्द कर्दो दिलके सारे दरवाजे
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

सकल तुम्हारा उस चाँदनीकी तरह
साँस तुम्हारा उस चमेलीकी तरह
दिल तुम्हारा  उस मोमकी तरह
य खुबसुरती तुने पाइ कहासे ?——२

उम्मीदे मराहँे जिनेका गम पिकर
दिप लग्ताहे हस्ता हो मेरे उपर
आइनो ने मुझसे बन्द कर्र्र्र्दी बातँे
समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर ——२

मीलाव जुत्फे अप्नि मतलव निकाल सक्ता हे कोही
गिरालो अाँचल अप्नि देख् सख्ता हे कोही
बन्द करो होठ अप्नि पुछ सक्ता हे कोही
य खुबसुरती तुने पाई कहाँसे ?——३
Genre: Romantic Gazal
Theme: You are Beautiful
Mystic Ink Plus Mar 2019
लिलामथा बाजारमे मेरी सारी दुनीया —२
बढ्कर भाऊ लगारहाथा सारी दुनीया

पहले मे समझ नसका ए क्या हो रहाथा
तमासा लग रहाथा हस् दिएँ फिर फजुलमे
लिलामथा बाजारमे मेरी भरी दुनीया

हमारी कामोका लगाथा पहेली बोली
सुन्कर आवाज बढी हो गया मे पसिना
तैला हमको किसिने रुपैया किसिले सोना
हाथ था शरिर मे मगर व विक्चुका था
साँस था जिस्म पर मगर मे एक लाश था
लिलामथा बजारमे मेरी भरी दुनीया

मनका लगाथा फिर दोस्री बोली —२
बढ् रहाथा भाउ मेरी उँची पर उँची
आधार मालुम कहाँ मुझको मेरा मनका
पल दो पलमे मन् नेभीे किया अलबीदा
साँसथा जिस्मपर मगर मे एक लाशथा
लिलामथा बाजारमे मेरीे भरी दुनीया

सपनोका लगाया फिर बाजारियोने बोली —२
दौलत निछावर हुवाथा मेरे उपर
खाबही देताथा मुझको जिनेकी चाहत
बगयर खाब हो गाया अब मे जानवर
साँसथा जिस्मपर, मगर मे एक लाशथा
लिलामथा बाजारमे मेरी भरी दुनीया
साँसथा जिस्मपर मगर मे एक लाशथा

लिलामथा बाजारमे  मेरी सारी दुनीया
Genre: Dark Gazal
Theme: Soul for sale || Dignity
Mystic Ink Plus Mar 2019
लम्बी हँे रात काली, कल होगा फिर सबेरा ——२
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोई जगेगा

गातँेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोइ  जगेगा

लम्बी हे रात काली कल होगा फिर सबेरा ——२

उम्मीदँे फरियादँे तुम गा कर सुनाव ——२
दर्द भरी पलको तुम रो कर सुनाव ——२
बातँे बारसातके तुम हस् कर सुनाव ——२
खाब भरी पलको तुम गा कर सुनाव ——२

गातेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा  
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोइ जगेगा

लम्बी हे रात काली कल होगा फिर सबेरा
गातेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा
समरती पाऊ आकर कल तुुम्से  मीलेँगा
खुली आँख आकर तुम्से वातेँ करेगा
दिप साफ आकर तुम्को राहँे दिखाएगा
गाते रहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा

लम्बी हे रात काली ,कल होगा फिर सबेरा
गाते रहो गीत तुम अप्नी  कल कोइ सुनेगा ——२
Genre: Inspirational Gazal
Theme: Level Up
Mystic Ink Plus Mar 2019
अजब गजबका जादुसी दुनीया ——२
जाने रब कहाँ खो गया ।      रंग बहुत देखिँ हँे मैने यहाँ
मे सतके खोजमे निक्ला ——२

हे छत बेगरके दिवारेँ ——२
कही काली धनकी हेँ  महेफिल ।   हे नङगा शिर कही खाली
कही नङगा बन्ताहे खुवाइसे  ।     अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे खाली पेटेके दिन दुःखी ——२        
कही दान लेतँे हँे फजुलमे ।       हे प्यासी गला कही सुकी
कही सराबकी हे बारिसे  ।        अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे नन्हा उठाता बोझ भारी ——२
कही बढे सब बेकाम हे  ।        देखा प्यारका हँे साजिसे
कही दिवाने पहेनते हँे हडकडी  । अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे गुमराह जन यहाँ ——२
कहीँ लिन हेँ कोइ तपमे  ।        देखा काडोका बनी सिमाए
कहीँ फुल्ता गुलाब वागमे  ।       अजब गजबका जादुसी दुनीया

देखा एकताके कइँ नारे ——२
कही मारा मारी हँे भाइयोमे  ।     लगा चेतना हे यहा कमी ——२
अजब गजबका जादुसी दुनीया  ।   मे सत के खोजमे निक्ला

अजब गजबका जादुसी दुनीया ——३
Genre: Gazal
Theme: The Perception || The Examined Life | The Experience
Mystic Ink Plus Mar 2019
मुझको छोड्कर तुम कहाँ  जावगे ——२
अप्नी दिलको मेरा साँयाँ बनाकर
एक दिल बन् गए दो दिलको ——२
फिरसे क्या दो  दिल बनावगे ?

सँग बीताए पल कैसे कोइ भूलाए
यादहे मुझको तेरा हसना रोना
जब एक दिन दुर होकर बीताएथे
तेरे नजरे पर साथ हमने लाएँथे
एक दिल बन् गए दो दिलकोे
फिरसे क्याँ दो दिल बनावगे ?

दिलमे दर्द देकर कहाँ तुम जावगे ——२
भूलाना हम कहाँ सकेङगे तुमको
जीसको हम् दिलपे लेकर चलते हे
जीसको हम जमीर अप्ना समझते
जीस् से हमने बात सिकँे थे प्याराँे के
जीसका बाते अभी भी कानोमे हँे मेरँे ——२
एक दिल बन् गए दो दिलको
फिरसे क्या दो दिल बनावगे ?

एक दिल  बन् गए दो दिलको
फिरसे क्या दो दिल  बनावगे ? ——२
Genre: Romantic Gazal
Theme: Plea
Mystic Ink Plus Mar 2019
तेरा चेहरा खोया खोयासा देखा
सिर्पm एकवार मेरीे तरफ पाउ बढाकर देखो
दिलकी सपनोसे  भरेहँे रौनक तेरी आखोमे ——२
आइना नही अभी आखोमे मेरी देखो
जो कभी संझा नसकाथा तुझको मे माही
आज तुम पहेचान लोगी वही मन्जिल

तेरा खामोसी  अभी कमहे लोगोसेँ  मेरे माही
सिर्फ  एकवार  झुपडीमे नजर फिराकर देखो
दिलकी दर्दसे भरे हेँ आसु तेरी आखोमे
आइना नही अभी आखोमे मेरी देखो
जो कभी संझा नसकाथा तुझको मे माही
आज तुम पहेचान लोगी वही मन्जिल

तेरा चेहेरा उझला उझलासा देखा ——२
सिर्फ एकवार मेरी खातीर गीत गाकर देखो
छुपाइ खुबसुरती भरेहेँ रंग तेरी चेहेरोमे ——२
आइना नही अभी आखोमे मेरी देखो
जो कभी संझा नसकाथा तुझको मे माही
आज तुम पहेचानलोगी वही मन्जिल

तेरा शहेर आज सोया सोया देखा ——२
सिर्फ एकवार बाहर घरसे निकलकर देखो      
झुमेगी दुनीया फिर कङगन पायलकी धुनमे ——२
आइना नही अभी आखोमे मेरी देखो
जो कभी संझा नसकाथा तुझको मे माही
आज तुम पहेचानलोगी वही मन्जिल
Genre: Gazal
Theme: The Reflection || The Perceptions
Mystic Ink Plus Mar 2019
रोसनी लगे फिका, जब हो तुम मेरे सामने ———२
झुठभी मानु सही जब हो तुम मेरे वाहोमे ———२

निगाहेँ मच्ले, अाँचल झुकाके
धड्कने उछ्ले, आवाज सुनाके
छुप्ता नही देरतक दिलकी अब ए बाँतेँ
कित्ना भोला, सुहाना हे चेहरा तुम्हारा

रोसनी लगे फिका, जब हो तुम मेरे सामने
पहेले, बहुत पहेले तुम, क्यूँ नमीले मुझे
तरासा हरजगा नमीले तुम सामने
हर खुबसुरती मिल्ता, कहाँ, मुफ्तमे
बनानेकोे लग्ता बक्त ज्यादा, कम लग्ता तोड्नेको  ——२
निगाहेँ मचले————
धढ्कने उछले————
छुप्ता नही—————
कित्ना भोला, सुहाना—————

इसी तरह तुम मुझे क्या देखती रहोगी रात भर  ——२
कम पढे तारिफेँँ तुम्हारी बस समझना प्यार हमारी
मेरी धढ्कन अब करेँ हर बक्त तारिफेँ तुम्हारी
साँस रुकिहो अब, बक्स् करो, जान हमारी
निगाहे मचले————
धढ्कने उछले——————
छुप्ता नही——————
कित्ना भोला सुहाना——————

रोसनी लगे फिका जब हो तुम मेरे सामने
झुठभी मानु सही जब हो तुम मेरे वाहोमे
Genre: Romantic  Gazal
Theme: Beloved || Enchantress || Angel
Mystic Ink Plus Mar 2019
सासँ वही धढ्कने वही, वहीहे सबका आखिरी सडक
आज हम कल तुम, पर आवगे एकही तरफ

हवोका साथ चल्नेवाले मुसाफिर  कहाँका हे तुम्हारा सफर
मन्जिल कब पहुँचेगा अगर हवाँ बदले दुसरी तरफ
कब आएका अप्नी वारी किसिको नही हे ए खबर
आज हम कल तुम पर आवगे एकही तरफ

दिन अगर तुम्हारा हे तो, देताहे धुप चेहेरेमे चमक
रात अगर दुःखी  निक्ला तो, छोडदेता सायाँभी अप्नी सफर
कब आएका, अप्नी—————
आज हम कल तुम—————

समयके साथ बदलताहे ऋतु रंग और मौसमे  ———२
बस् वँहीँ रहेता हँे लकिरेँ और चाँद ए सुरज
कब आएका, अप्नी  ——————
आज हम कल तुम——————

साँस वही, धढ्कने वही, वहीहे सबका आखिरी सडक ———२
दिन अगर तुम्हारा हे तो, देताहे धुप चेहेरेमे चमक ———२
रात अगर दुःखी निक्ला तो, छोडदेता साँयाँभी अप्नी सफर

साँस वही धड्कने वही, वहीहे सबका आखिरी सडक   ——३
Genre: Gazal
Theme: Life as a journey || Examined Life
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