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Mystic Ink Plus Mar 2019
सुनाताहु मे अब, एक घरकी कहानी —२
जिन्दगीने किया, कैसे छेड्खानी

हस्ता, चेहरा हे उसका, दिलमे दर्द हे पुरानी
लगाहे आग मनमे, कोइतो पिलाव थोडा पानी
प्यार देकर बढ्ता हे , कभी कम नही होता
दर्द सुनाकर दिल रोता हे, आसुव का दासता —२

सुनाताहु मे अब, एक घरकी कहानी
जिन्दगीने किया, कैसे छेड्खानी

ऋतु आएँ, अाँख आगे, नआया, उसके अपने
नइ पत्ते, लगा पेढँपे, नआया, उसमे मौसमे
खुशी कोइ रंगमे नही आता हरघडी सामने
बन्द किए पल्कँे, उघरते नही सुनके बात, प्यारके —२

सुनाताहु मे अब एक घरकी कहानी
जिन्दगीने किया कैसे छेड्खानी
Genre: Gazal
Theme: Story Of Pain || Narration
Mystic Ink Plus Mar 2019
कोइ न बीताए अप्ना एसा  पल
मेरा कहेना, अब बारिहे तेरे सुन —२

आँएथे  कही पहेले यहाँ कभी
कोइथा जो चल्ताथा मेरे संग —२
दिलके साथ दर्द साटे एक दिन
साथ नछुटे डरथा दिलमे हरदम् —२

कभी गाना कभी हसना था व पल
कभी छुपा तो कभी मील्ते थे हम्
एक दिन नमीले तुमसे जब संग
लगाथा पाएङगे जी के सिर्फ अब गम्
साथ नछुटे डरथा दिलमे हरदम् —३

कहां कहांसे आया फिरभीे व एक वक्त
पुछे बीन लेगाया तुझको  उसने मेरे सँग
अब बाँकिहे सिर्फ उसके साथ रहेता पल
कभी गाना  तो कभी हसाँ कर्तँेथे हम् —२
कभी छुपा तो कभी मील्तेथे हम् —२

कोइ न बीताए अपना एसा पल
मेरा कहेना अब बारिहे तेरे सुन —३
Genre: Dark Gazal
Theme: The distress
Mystic Ink Plus Mar 2019
आजके बाद फिर मिल्नेका, रख्ना तमन्नाए
चाहत हो गानेना, तो, लो मे, सिखाँदु तुझको —२
ध.ध.ध. म.म..म ब. ब. ब. .......

खाब हो उड्नेका , पंख, लगादु तुझको —२
आजके बाद फिर मिल्नेका,रख्ना तमन्नाए
दिलमे अगर कोइ, चाहत हो तो, नछुपाव मुझको
मेरे साथ, हस्ना और हसाना, सब जनको
खाब तो खाब हे, जिन्दगी हे एक , सही
उम्मीदे, आसाए, तमन्नाए भी होगी कइँ —२
आवाज नही लेकिन, होठ कुछ, कह रहे —२
रबका भाषा यही हे, लो, मे सिखादु तुझको

मासुम चेहेरा जब , पास आए नजरे ही दिल धड्काए
रबका भाषा  यही हे, लो ,मे सिखादु तुझको
सितारोके बात हवाओसे, जब संझोगे
तित्लीयाका पंख गगनमे  सहरे, जब देखोगे
जब किसिकी चाहतमे, कुछ देर भुलोगे
सारी दुनीया कुछ नयाँ नयाँसा, जब लगे
तो मे सझु..........
आजके बाद फिर मिल्नेका, रख्खा हे, तमन्नाए —२

चाहत हो गानेका, तो लो मे, सिखादु तुझको
खाब हो उड्नेका पंख लगादु तुझको
सारी दुनीया नयाँ नयाँसा जब लगे तो मे संंझु
आजके  बाद फिर मिल्नेका, रख्खाहे, तमन्नाए —२
Genre: Romantic Gazal
Theme: Connection || The One
Mystic Ink Plus Mar 2019
डरना मना यहाँ, आपका सरमाना मना हे —२
मिले हे सालोबाद, लो अब रुठना, मना हे —२े

बितेहुए पलका खयालात, लाना मना  हे
यादोका बारात यहाँ, सजाना मना हे —२
जुदाइका , कोइ बहाना बनाना, मना हे —२
डरना मना यहाँ, आपका सरमाना मना हे

भुल होगइ होगी, हमसे कभी कोइ
जिताथा यहाँ हम, आपका नाम ले, लेकर
रोया बहुतथा, यादोका आसु, पिकर
मिलेहे सालोबाद, लो अब रुठना, मना हे

सिकायत हमसे, बहुत होगी चुप रहेना मना हे
झुठी कहानी, बनाकर हमे सुनाना माना हे
जुदाइका , कोइ बहाना, बनाना मना हे

मोतीयोके लहरे, आपके आखोसे बहाना मना हे
टुटी हँइ रिस्ताके गाठ, अब जुडाना, मना हे
आपकी धड्कन बढगइ सुनो, बढाना, मना हे
जिताथा यहाँ हम्, आपका नाम ले, लेकर
आज हमसे रहेकर, आपका धड्कनोका, क्या हुुुवा
आपकी धढ्कन बढगइ सुनो बढाना, माना हे

मिलेहे सालोबाद, लो अब रुठना, मना हे
डरना मना यहाँ, आपका सरमाना मना हे —२
जुदाइका ,कोइ बहाना, बनाना मना हे —२
Genre: Gazal
Theme: Connection || When everthing matter
Mystic Ink Plus Mar 2019
बुद्धका आभास करोगे भरि दिलसे
बन्दुक, बारुद फेँकोगे अप्नी घरसे

शान्त मनहो ,हो शान्त दुनीया
शान्त कर्मोमे मीलेगा फल बढियाँ
शान्तीके नामोमे लडेथे पिछ्ली दुनीया
दुखः.के  सिवा कहा मीला उनहे चैन
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

दया  करणा हो सारि जनमे
मर्ने मारनेका न होगी  वातेँ
जुल्म रोको अब शान्त मनसे
उठोगे उपर दुसरोके दिलमे
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

लहु लालका मोल लो जानो
बगाकर  लाल ,  मिला फल क्या, सोचो
आँएथेँ  तुमभी, यहाँ हाथ  खाली
मिलेगा तुमेभी, जगा, पाँच फुट, खाली
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

लालसा, जब छोडोगे, तुम मनसे
शान्त होगा मन, होगा शान्त घर भी
बुद्धको, दिवार नही, मनमे, बसालो
अह्ङकार मीटाके, शान्त, साँसे बढालो
बुद्धका आभास ........... बन्दुक बारुद
Genre: Inspirational Gazal
Theme: Let peace be with you
Mystic Ink Plus Mar 2019
मधुवन, आसमा , पर्वत, सागर
खुस कहाँ हे सारी दुनीया
जोगी हे मगर हे मनका व धनी
हेगा न कोइ उसका जैसा
जोगी बनके लो दिखादो —२
मे करु तुम्हे सलामी

ज्ञान होके नही सिखाया
बन न सका मे ज्ञानी
लगाके चन्दन रखा  फिर दाह«ी
पर बन नसका मे जोगी
जोगी बनके लो दिखादो
मे करु तुम्हे सलामी  

चाहत अनेक बाकी हे अभी
रहेने न सका मे भोगी
शान्ति नही मनहे चनचल
ध्यान नही मेरे  बसमे
जेगी बनके लो दिखादो
मे करु तम्हे सलामी

भूखका आँगसे पेटहो खाली
आज बनगया मे भिखारी
पर बन  न सका मे जोगी —२
जोगी बनके लो  दिखादो
मे करु तुम्हे सलामी
लगाके चन्दन, रखा फिर दाह«ी
पर बन न सका मे जोगी

बन न सका मे जोगी —३
Genre: Observational Gazal
Theme: Unattached || Free spirit
Mystic Ink Plus Mar 2019
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील
दुरिया  जीत्नी बढादे दुनीया हे नही हम तुम्से जुदा
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील

जिसपलसे तेरी आँखोने दावत दिए हमको —२
जिसपलमे हमने देखाथा पहले तुुझको
जिसपलमे सुनानेको न रहीथी  बात अप्ने —२े
जिसपलसे हमने पूmलोकी तरह सजाया तुझको
तेरी  यादोकी अमानत हे भरि मेरे मनमे

खन्जर तो था हाथोमे  मगर थे नही  हम काँतील
दुरिया  जित्नी बढादे दुनीया हे नही हम तुझसे जुदा

तुुझसे मील्नेकी रोज चाहत हे भरि इस्  दिलमे
वही गलीया वही मन्जिल होकर गुजरतेँहे रात भर
तकलीफ  बढ्ता जा रहाहे  सहारा तेरी बगएर

खामोस साइ हो जबसे होे गया कब्र भी प्यारी —२
देखाहु तेरी कब्रके सामने हे जगा अभी खाली
आरहाहु  तुझसे मील्ने आज करके अप्नी छल्ली —२
लैटारहा हु अमानत तेरी लो समालो इसे अखिरी

खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील
दुरिया जीत्नी बढादे दुनीया हे नही हम तझसे जुदा
खन्जर तो था हाथोमे मगर थे नही हम काँतील ।
Genre: Dark Gazal
Theme: Belonging
Mystic Ink Plus Mar 2019
पानीमे भिगनेका मजा जाने उसको क्या पता —२
सराबका जलानेका अदा उसको क्या पता
पानीमे भिगनेका मजा जाने उसको क्या  पता
मेहखाना हे ए मेहखाना —२

प्यासेको मेहखानेका दिसा कोइ न बताए
लहेरे पारसे  चाँद दिखा उसको न बताए  
अधेरो बाद साम हुइ  उसको कोइ न बताए
महेखाना हे ए महेखाना —२

पिनेका मजा आकर मुझसे  न पुछो
पानीमे भिगनेका मजा मुझसे न पुछो
कहनेको क्या हे बाकी, अब तुुमभी कुछ कहो
महेखानेमे गिरनेका मजा उसको क्या पत्ता
महेखाना हे ए  महेखाना —२
    
टक्राकर पिनेका आलम, आगया नसा —२
लर खराते घुमनेका सुरु हो  रहा  सिलसिला
पानीमे भिगनेका मजा जाने  उसको क्या पत्ता
सराबका जलानेका अदा उसको क्या पत्ता
महेखानेमे गीरनेका मजा उसको क्या पत्ता
महेखाना हे ए  महेखाना —३
Genre: Romantic Gazal
Theme: Intoxication
Mystic Ink Plus Mar 2019
सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे , क्या कही —२

व तेरा य मेरा फिरसे कौन कहेगा
मीट्टीको कैसे, कहाँ कोइ इन्सान छोडेगा
व पहेली बक्तपे, किसने क्या ले आएँ
मीट्टीही  एक थी जो ए सोच  रहीथी —२
व पीछली बक्तपे किसने सँग क्या ले गएँ
मीट्टीही एक थी जो ए देख रहीथी

सोइ नही  हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे क्याँ कही
फूलका वासमे भमरे क्यू डूले
रोसनी वाद ही चाँद फिर क्यू डुले
दर्दसेही आखोँमे आँसुव क्यू  गीरे

सोइ नहीहे आँख क्यू तेरी    
आँसु गिर रहा हे, क्याँ कही
फूलका  वासमे भमरे क्यू भूले
रोशनी बादही चाँद फिर क्यू  डुले
दर्दसेही  आँखमे आँसुव क्यू गिरे

सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर रहा हे क्याँ कही
व तेरा ए मेरा फिरसे कौन कहेगा
लहुके , रंगमे होली फिरसे कौन खेलेगा
दर्देदिल देखकर लोग फिर  क्यू  हसँे

सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
सोइ नही हे आँख क्यू तेरी
आँसु गिर  रहा  हे, क्या कही—२
Genre: Observational
Theme: Motherland || Mud || Nature
Mystic Ink Plus Mar 2019
निला निलासा गगन, निचेह‘े  हरी चौडीया
सामने घनी बस्ती फाँटमे फ्m,ूल पंछिया
हवाभी महेके समल समलके   जुल्फ  लहेराके
अनाज होे भरि खेतोमे, नही कोइ पेट खाली —२

हाथ होगा कामोमे, नही होगा कोइ खाली
परदेशके अप्ने, लौट आएङगे वापस प्यारि  भूमी
होगा फिर खुस्हाली, गाउँमे लौटेगा दिवाली
न रहेगा सिमाए,  न होगा धर्तीके  लकिरँे —२

भाइ भाइ कहेङगे सब , नही कोइ अनोखी आस्थाए
न कहेगा काइ मेरा, न बने कोइ पराया
दर्द तो होगा ही घाँउमे, मगर लगादे मलहम सभी
आसु जब किसिके टप्के दिल रहे सबकी हैरानी —२

अनाज हो भरि खेतोमे नही कोइ पेट खाली
न रहेगा कोइ मेरा न बने कोइ पराया
दर्द तो होगा ही घाउमे, मगर लगादे मलहम सभी —२
Genre: Gazal
Theme: Village Life || Social life
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