Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Mar 2019
कोइ न बीताए अप्ना एसा  पल
मेरा कहेना, अब बारिहे तेरे सुन —२

आँएथे  कही पहेले यहाँ कभी
कोइथा जो चल्ताथा मेरे संग —२
दिलके साथ दर्द साटे एक दिन
साथ नछुटे डरथा दिलमे हरदम् —२

कभी गाना कभी हसना था व पल
कभी छुपा तो कभी मील्ते थे हम्
एक दिन नमीले तुमसे जब संग
लगाथा पाएङगे जी के सिर्फ अब गम्
साथ नछुटे डरथा दिलमे हरदम् —३

कहां कहांसे आया फिरभीे व एक वक्त
पुछे बीन लेगाया तुझको  उसने मेरे सँग
अब बाँकिहे सिर्फ उसके साथ रहेता पल
कभी गाना  तो कभी हसाँ कर्तँेथे हम् —२
कभी छुपा तो कभी मील्तेथे हम् —२

कोइ न बीताए अपना एसा पल
मेरा कहेना अब बारिहे तेरे सुन —३
Genre: Dark Gazal
Theme: The distress
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
328
 
Please log in to view and add comments on poems