Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Mar 2019
मन गोरा, रंग गोरा चंचलसी अदाए
दिवाने बनगँए हम देखकर उन निगाहँे
य खुबसुरती तुने पाइ कहाँसे ?——२

समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर
दवाकर रख्ना अप्नी बढ्ती धढ्कन
बन्द कर्दो होठपे लव्ज अप्नी
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

राहोमे तुम्हे भट्का सक्ता हे कोही
आवाज देकर बुला सक्ता हे कोही
बन्द कर्दो दिलके सारे दरवाजे
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

सकल तुम्हारा उस चाँदनीकी तरह
साँस तुम्हारा उस चमेलीकी तरह
दिल तुम्हारा  उस मोमकी तरह
य खुबसुरती तुने पाइ कहासे ?——२

उम्मीदे मराहँे जिनेका गम पिकर
दिप लग्ताहे हस्ता हो मेरे उपर
आइनो ने मुझसे बन्द कर्र्र्र्दी बातँे
समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर ——२

मीलाव जुत्फे अप्नि मतलव निकाल सक्ता हे कोही
गिरालो अाँचल अप्नि देख् सख्ता हे कोही
बन्द करो होठ अप्नि पुछ सक्ता हे कोही
य खुबसुरती तुने पाई कहाँसे ?——३
Genre: Romantic Gazal
Theme: You are Beautiful
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
1.4k
 
Please log in to view and add comments on poems