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Janid Kashmiri Nov 2024
Kisi nazar mein kashish aisi, ke dil thehar jaye  
Chahne wale ka har zakhm, khud sanwar jaye  

Yeh jo lams hai tera, yeh jadoo ka raaz sa  
Dil ki veeran galiyon mein roshni bhar jaye  

Teri baaton ka asar dil pe utarta aisa  
Har khayal, har dua tujh pe hi thehar jaye  

Yeh mohabbat hai ya koi khwab ka dhoka  
Jo bhi mile, wohi khwahish ban ke bikhar jaye  

Meri har saans mein, tere wujood ka ehsaas  
Mere dil ka har dukh, tere qadam par mar jaye  

Kisi nazar mein kashish aisi, ke sab bhool jayein  
Dil ke har goshe mein tu hi tu thehar jaye
Janid Kashmiri Nov 2024
Takta hoon tum ko, yeh dil behak jata hai  
Tumhare jalwe mein jahan tham sa jata hai  

Tumhari aankhon ki gehraayi mein doob jata hoon  
Tumhari muskaan pe har dard bhool jata hoon  

Tum chalti ** to hawa gungunane lagti hai  
Tum bolti ** to khamoshi bhi jagti hai  

Yeh dil tumhare lamss ki tamanna liye  
Har lamha teri qurbat ki dua kiye  

Magar tum door **, yeh faasle kyun hain?  
Yeh faaslon mein bhi mohabbat ke geet kyun hain?  

Takta hoon tum ko, aur jeeta hoon tum mein  
Tumhare khwabon mein, aur haqeeqat ke gum mein
Janid Kashmiri Nov 2024
Guzar ta nahi ye shaam-e-gham  
Zindagi ke dukhon ka hai peham sitam  

Qadam qadam par thakan ka pehra  
Himaton ke chiragh bhi ** gaye madhham  

Musaafir hoon raahon ka jin ko khabar  
Manzilon ka saraab hai, dil ka maatam  

Khawab jo bune the, reza reza huye  
Haath khaali rahe, na raha koi dum  

Sawaal ye hai, aye falak-e-jafa  
Kitna aur sehna hai, bata ye sanam  

Guzar jaye ye shaam-e-gham kisi tarah  
Warna raah mein bikhar jayein hum
Mystic Ink Plus Mar 2019
आपका  मनमे जो हे आज बताव हमे ——२
सामने हमारीसिवा न होगा कोइ दुसरे ——२

चेहेरा उठाकर अाँख मीलालो आँखसे
न घबराव लो वक्तका सामना करो
आप नजर मोडकर कभीतो हँसा करो ——२
चाहत, ख्वाइस् कभी तो सुनाया करो
मनमे कोइतो राज होगी आपके
हमको कभी अप्ना समझकर् कहाँ करो ——२

आपका मनमे जो हे आज बताव हमे
सामने  हमरीसिवा न होगा कोइ दुसरे

मनमे कोइतो राज होगी आपके
हमको कभी अप्ना समझकर कहा करो
दर्द भरी दिलका कहीँ तो होगी मलहम  ——२
ढुड लाउँ उसे एकवार दिशा दिखादो ——२
साथी हु आपका अबतो दुरि घटादो ——२
एकवार फिर नजर उठाकरके तो देखो ——४
Genre: Romantic Gazal
Theme: Tell Me More
Mystic Ink Plus Mar 2019
आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके ——२
दिदार करु आपका मे भरि मनसे
देखकर सरमाए लो व देखनेवाले

इस पलका आपको भी चाहत होगी मनमे
राँहाँे ढुड्ता हुए थक्ती होगी निगाहेँ
मनमे पुछनेको होगी हजार सवाले
देर नकरो, सिम्टादो अब ए सफर

आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके
खामोस चेहरा आपका सरमाना मन्जुर नही
महोबत दिलमे हा तो खुुलाना जरुरी नही

आजाव आप कभी फरियाद लेके
साथी होडगे बहुत लेकिन चल्ना फिर्ना छोड्दोगे
साथ हमारी पाकर खाब सजाना भूलदोगे

आजाव आप कभी फरियाद लेके
बोल सक्ते लोग चाहे मनगडी बातेँ
रोक्ना मत चाल, आप बीच राँहोमे
आजाव आप कभी फरियाद लेके
पायल छन्काके चुडीया गीत सुनाके ——३
Genre: Romantic Gazal
Theme: Appeal
Mystic Ink Plus Mar 2019
मन गोरा, रंग गोरा चंचलसी अदाए
दिवाने बनगँए हम देखकर उन निगाहँे
य खुबसुरती तुने पाइ कहाँसे ?——२

समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर
दवाकर रख्ना अप्नी बढ्ती धढ्कन
बन्द कर्दो होठपे लव्ज अप्नी
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

राहोमे तुम्हे भट्का सक्ता हे कोही
आवाज देकर बुला सक्ता हे कोही
बन्द कर्दो दिलके सारे दरवाजे
कम न पढे खुबसुरती तुम्हारी ——२

सकल तुम्हारा उस चाँदनीकी तरह
साँस तुम्हारा उस चमेलीकी तरह
दिल तुम्हारा  उस मोमकी तरह
य खुबसुरती तुने पाइ कहासे ?——२

उम्मीदे मराहँे जिनेका गम पिकर
दिप लग्ताहे हस्ता हो मेरे उपर
आइनो ने मुझसे बन्द कर्र्र्र्दी बातँे
समलकर चल्ना जालीम हे हर नजर ——२

मीलाव जुत्फे अप्नि मतलव निकाल सक्ता हे कोही
गिरालो अाँचल अप्नि देख् सख्ता हे कोही
बन्द करो होठ अप्नि पुछ सक्ता हे कोही
य खुबसुरती तुने पाई कहाँसे ?——३
Genre: Romantic Gazal
Theme: You are Beautiful
Mystic Ink Plus Mar 2019
लिलामथा बाजारमे मेरी सारी दुनीया —२
बढ्कर भाऊ लगारहाथा सारी दुनीया

पहले मे समझ नसका ए क्या हो रहाथा
तमासा लग रहाथा हस् दिएँ फिर फजुलमे
लिलामथा बाजारमे मेरी भरी दुनीया

हमारी कामोका लगाथा पहेली बोली
सुन्कर आवाज बढी हो गया मे पसिना
तैला हमको किसिने रुपैया किसिले सोना
हाथ था शरिर मे मगर व विक्चुका था
साँस था जिस्म पर मगर मे एक लाश था
लिलामथा बजारमे मेरी भरी दुनीया

मनका लगाथा फिर दोस्री बोली —२
बढ् रहाथा भाउ मेरी उँची पर उँची
आधार मालुम कहाँ मुझको मेरा मनका
पल दो पलमे मन् नेभीे किया अलबीदा
साँसथा जिस्मपर मगर मे एक लाशथा
लिलामथा बाजारमे मेरीे भरी दुनीया

सपनोका लगाया फिर बाजारियोने बोली —२
दौलत निछावर हुवाथा मेरे उपर
खाबही देताथा मुझको जिनेकी चाहत
बगयर खाब हो गाया अब मे जानवर
साँसथा जिस्मपर, मगर मे एक लाशथा
लिलामथा बाजारमे मेरी भरी दुनीया
साँसथा जिस्मपर मगर मे एक लाशथा

लिलामथा बाजारमे  मेरी सारी दुनीया
Genre: Dark Gazal
Theme: Soul for sale || Dignity
Mystic Ink Plus Mar 2019
लम्बी हँे रात काली, कल होगा फिर सबेरा ——२
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोई जगेगा

गातँेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोइ  जगेगा

लम्बी हे रात काली कल होगा फिर सबेरा ——२

उम्मीदँे फरियादँे तुम गा कर सुनाव ——२
दर्द भरी पलको तुम रो कर सुनाव ——२
बातँे बारसातके तुम हस् कर सुनाव ——२
खाब भरी पलको तुम गा कर सुनाव ——२

गातेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा  
धड्कन बढालो तुम दिलके अप्नी रातमे कोइ जगेगा

लम्बी हे रात काली कल होगा फिर सबेरा
गातेरहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा
समरती पाऊ आकर कल तुुम्से  मीलेँगा
खुली आँख आकर तुम्से वातेँ करेगा
दिप साफ आकर तुम्को राहँे दिखाएगा
गाते रहो गीत तुम अप्नी कल कोइ सुनेगा

लम्बी हे रात काली ,कल होगा फिर सबेरा
गाते रहो गीत तुम अप्नी  कल कोइ सुनेगा ——२
Genre: Inspirational Gazal
Theme: Level Up
Mystic Ink Plus Mar 2019
अजब गजबका जादुसी दुनीया ——२
जाने रब कहाँ खो गया ।      रंग बहुत देखिँ हँे मैने यहाँ
मे सतके खोजमे निक्ला ——२

हे छत बेगरके दिवारेँ ——२
कही काली धनकी हेँ  महेफिल ।   हे नङगा शिर कही खाली
कही नङगा बन्ताहे खुवाइसे  ।     अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे खाली पेटेके दिन दुःखी ——२        
कही दान लेतँे हँे फजुलमे ।       हे प्यासी गला कही सुकी
कही सराबकी हे बारिसे  ।        अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे नन्हा उठाता बोझ भारी ——२
कही बढे सब बेकाम हे  ।        देखा प्यारका हँे साजिसे
कही दिवाने पहेनते हँे हडकडी  । अजब गजबका जादुसी दुनीया

हे गुमराह जन यहाँ ——२
कहीँ लिन हेँ कोइ तपमे  ।        देखा काडोका बनी सिमाए
कहीँ फुल्ता गुलाब वागमे  ।       अजब गजबका जादुसी दुनीया

देखा एकताके कइँ नारे ——२
कही मारा मारी हँे भाइयोमे  ।     लगा चेतना हे यहा कमी ——२
अजब गजबका जादुसी दुनीया  ।   मे सत के खोजमे निक्ला

अजब गजबका जादुसी दुनीया ——३
Genre: Gazal
Theme: The Perception || The Examined Life | The Experience
Mystic Ink Plus Mar 2019
मुझको छोड्कर तुम कहाँ  जावगे ——२
अप्नी दिलको मेरा साँयाँ बनाकर
एक दिल बन् गए दो दिलको ——२
फिरसे क्या दो  दिल बनावगे ?

सँग बीताए पल कैसे कोइ भूलाए
यादहे मुझको तेरा हसना रोना
जब एक दिन दुर होकर बीताएथे
तेरे नजरे पर साथ हमने लाएँथे
एक दिल बन् गए दो दिलकोे
फिरसे क्याँ दो दिल बनावगे ?

दिलमे दर्द देकर कहाँ तुम जावगे ——२
भूलाना हम कहाँ सकेङगे तुमको
जीसको हम् दिलपे लेकर चलते हे
जीसको हम जमीर अप्ना समझते
जीस् से हमने बात सिकँे थे प्याराँे के
जीसका बाते अभी भी कानोमे हँे मेरँे ——२
एक दिल बन् गए दो दिलको
फिरसे क्या दो दिल बनावगे ?

एक दिल  बन् गए दो दिलको
फिरसे क्या दो दिल  बनावगे ? ——२
Genre: Romantic Gazal
Theme: Plea
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