[अज़ान-हनुमान तो बहाना है,
असल मे तो महंगाई से ध्यान हटाना है!]
(एक आदमी दूसरे कौम के आदमी से)
प्रदर्शन की सुनाई दे रही आहट है,
तभी सत्ता के गलियारों मे हरबड़ाहट है।
ऊपर से अपने लिए कोई संदेशा आया है,
फिर से उन्होंने आपसी सौहार्द बिगाड़ने को फरमाया है।
(संदेश पढ़ने के बाद वही आदमी)
मै लूंगा लाठी हाथ मे,
तुम भी पत्थर रखना साथ मे।
मै जोर जोर से चिल्लाऊंगा हनुमान,
तुम भी लाउडस्पीकर मे ही गाना अज़ान।
मै अपने लोगो मे, तुम अपने लोगो मे, फैला देना ये बात,
की सामने वाले कर रहे हमारे धर्म पर चोट की शुरुआत।
अगर हमने अभी ही नही बदले अपने ये हालात,
तो अगले ही पल खतरे मे आ जायेगी हमारी पूरी ज़मात।
उसके बाद, हमारे आका सामने आयेंगे, (हा वही आका जिन्होंने संदेशा भेजा था)
दोनो कौम मे नफरती आग फैलायेंगे।
मुझे और तुम्हे आपस मे लड़ाएंगे,
फिर खुद ही शांतिदूत बन जाएंगे।
(लेकिन उसके पहले, उनके शांतिदूत बनने से पहले)
खून की नदियाँ बहेंगी सड़को पर,
दंगों की गाज़ गिरेगी हमारे लड़कों पर।
खून के आँसू रायेगी मासूमियत,
किसी कब्र मे लेटी होगी इंसानियत।
आग की लपटे होंगी चारों ओर,
हर तरफ होगी चीख पुकार की शोर।
आपसी भाईचारे की तो कट ही जाएगी डोर,
हर तरफ धर्मांधता की होगी एक नई भोर।
कट्टर हो जायेगा इंसान, कट्टरता होगी हर रस्ते मे,
पेट्रोल-डिजल का तो पता नही, पर इंसानी जान मिलेगी सस्ते मे।
निंबू का दाम कोई नही पूछेगा, क्योकि खटास तो होगी हमारे ही भाईचारे मे,
हमे लड़ता देख वे हँसेंगे, और अट्टाहस होगी सत्ता के गलियारे मे।
(फिर वही आदमी कहता है)
लेकिन इससे हमे क्या, हम तो है नफरती मजदूर,
लाश पर इंसानो की चलके, बन चुके है हम बहुत क्रूर।
जरूरत कुछ हमारी भी है, तभी तो तलवे चाटने को है मज़बूर,
देखने मे लगते इंसान ही है, पर इंसानियत से अभी है कोशों दूर।
(अंत मे वही आदमी)
हमारा तो है बस इतना ही काम ,
हम तो सिर्फ है अपने आकाओं के गुलाम ।
जिस पल हमे मिलता उनका फरमान ,
निकल जाते उसी वक़्त, हम बर्बाद करने को सारा हिंदुस्तान।
It's my observation that riots don't occur by themselves. The people in power plan and create it; they appoint goons from both religions (Hinduism and Islam) and ask them to spread hatred against the other religions in their own community; these people are known as "नफ़रती मज़दूर" or "Labours of Hatred," don't know about others, but at least I call them. Riots are usually created when the people in power think any protest is going to happen against them regarding their policy. And this time the issue is "inflation" in India, which is why several riots are occurring in the name of Azaan (ISLAM) and Hanuman (HINDUISM)..!
Planning to recite it out on my YouTube channel... So that, it may create more awareness.