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Osheen Khan Jan 2019
हमेशा नाकामयाबी पर लोग कहते है की लक अच्छा नहीं था,
मेहनत तो बहुत की थी हमने लेकिन लक अच्छा नहीं था,
जब वही लोग किसी काम में फ़तेह हासिल कर लेते है, तो लक को भी अपना बेस्ट बताते है,
जो पहले बेड लक था फिर वही बाद में बेस्ट हो गया, न जाने इस समय में ऐसा क्या चेंज हो गया ?
में तो सोचती हूँ कि सारा माजरा बस लगन और शिद्दत का होता है,
प्लीज कोई बताएगा मुझे की,  के
लक ! ये क्या होता है ?
बुज़ुर्ग कहते है,
किस्मत से ज़्यादा किसी को नहीं मिला,   और किस्मत ऊपर से लिखकर आती है,
में सोचती हूँ अगर ऐसा है तो,   बिन कुछ किये कोई चीज़ हाथ क्यों नहीं आती है ?
फिर एक दिन मुझे ये समझ आयी ये बात !  ऊपरवाले ने भेजी तो है किस्मत सबके साथ
पर वह लकीरो की भूल भुलैया में छिपी रहती है,उसे खोजना पड़ता है,
हाँ यार !उसे ढूंढने के लिए भी कुछ करना पड़ता है,
फाइनली तब जाकर समझ आए ये बात मुझको,
लक ! ये क्या होता है ?
लक ! ये क्या होता है ?
what is luck..This Poem Describe Mine thought about Luck.....
Osheen Khan Dec 2018
बहुत कोशिश करते है कि थोड़ा समझदार बन जाए,
पर ख़ुशी हमेशा पागलपन ही देता है जी !
कोशिश करे तो बन भी सकते है सेंसफुल्ल,
लेकिन ये मन है अब इसका क्या करे जी ?
दुनिया की बातें ये दिल सुनता ही नहीं है,
क्योंकि अभी भी “ दिल तो बच्चा है जी ”
इसमें बस नटखट, शरारती, बचकानी बातें ही भरी है,
बड़ी बड़ी बातें क्या होती है? इसे मालूम ही नहीं है !
बस छोटा सा सपना लिए हुए है,
आसमान में उड़ने की ख्वाहिश जगी है !
फिर भी उड़ान भरने के लिए अभी पंख कहा है जी ???
कुछ भी कहो अभी, “ दिल तो बच्चा है जी ”
बच्चों से ज्यादा पाक मन किसी और का नहीं है,
बड़ो में तो बस जलन और नफरत ही ज्यादा भरी है !
इस दुनिया में कौन अभी तक परफेक्ट हुआ है ?
किसी में कुछ तो, किसी में कुछ खामियां भरी है !
जीना है तो बचपन से सीखो,  बचपन बड़ा सच्चा है जी !
क्या करें ? बचपन से भी बस इसलिए नहीं सीख पाते,
क्योंकि अभी “ दिल तो खुद बच्चा है जी ”
Dedicated To Me From Myself...
Osheen Khan Dec 2018
लोग पूछते है कोई है लाइफ में?
जो आपके दिल में रहता है
वो जो आपको और आप जिसे अपना मानते है
और वो जो आपको अपने दिल की हर बात कहता है !
मैंने कहा मेरी ज़िन्दगी तो अपनों से ही घिरी हुई है,
में उनके दिल में रहती हूँ, और उनकी तस्वीर मेरे दिल में बसी हुई है !
वो लोग जिन्हे में अपना भी मानती हूँ,और वो लोग भी मुझ पर जान निसार करते है...
और वो लोग भी है इसमें शामिल, जो मुझसे अपने दिल की हर बात करते है....
लेकिन शायद आपको उस शख्स का नाम सुनना है,
जिसकी सिर्फ परछाई मेरे ख़्वाबों में है, तस्वीर अब तक नहीं बन पायी है !
इसलिए हाँ में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है.....
बहुत लोगो को देखा है की वो जिससे दिन भर चैट किये बिना नहीं रहते
कुछ समय बाद "कुछ काम था क्या" इस लफ़्ज़ को है कहते
पहले तो उन लोगो को एक दुसरे के मैसेज का इंतज़ार रहता है
लेकिन कुछ वक़्त गुजरने के बाद उनमें से एक का तो "अब इसका कॉल क्यों आ गया "  ये हाल रहता है...
पहले जो लोग बहुत अच्छे लगते है
वो फिर बोरिंग हो जाते है,
पहले जिनसे रोज़ मिलने की चाह होती थी उन्हें
फिर वही एक नज़र न भाते है !
बहुत कसमें वादे करते है एक दुसरे से
और उन्हें सच समझकर खुश हो जाते है
जब आने वाला कल आज में तब्दील हो जाता है
असल मज़ा तो तब आता है
जब ये पता चलता है की न ही वो लड़का उस लड़की का हुआ और न ही वो मोहतरमा उस लड़के की वाइफ है,
इसलिए में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है!
कभी कभी मेरा मन हो जाता है की किसी से बात कर लूं
और कभी दुसरे के जज़्बातों का भी थोड़ा तो ऐहतेराम कर लूँ
लेकिन किसी पर यकीन करना इतना आसान नहीं होता है
उस विश्वास के टूटने का डर भी तो हमेशा आस पास होता है
ऐसा बिलकुल नहीं है कि इस जहां में कोई सच्चा ही न हो...
लेकिन उसे पहचानने का हुनर कहा सबके पास होता है ?
वो बहुत खुशनसीब होते है जो पहचान जाते है उस परछाई के पीछे छिपी तस्वीर को,
लेकिन अभी मेरे पास न ही ये समझ हैं न ही ये राइट है
अभी तो मंजिल तक पहुँचने के लिए करनी बहुत फाइट है,
इसलिए में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है...!
This poem is related to me and I am an excellent example of this poem.

— The End —