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Nalinee Sep 2020
फटे होंठ की लकीरें
या कपड़ों में पैबंद ज़्यादा थे?
फिर भी, लाल बत्ती सी चमक आंखों में थी।

बोली में तेज़ी, " ख़रीद लो मैडम "
या मजबूरी ज़्यादा थी?
फ़िर भी, बेचने की कला बड़ी अद्भुत थी।

बेरंग दिनों को बदलने की कोशिश थी,
सामने रंगीन पर्दे सी ज़िन्दगी थी,
पर टिकट उसके लिए, महंगी थी।
Nalinee Aug 2020
पुराने संदूक में ये क्या खोज रही है
शायद नन्हे बच्चों को अपने ढूंढ रही है।
छोटे छोटे रंग बिरंगे पैरहन में
उनका बचपन संजोए रखा था।
सब कुछ टटोलकर शायद
अपनी मुस्कुराहट ढूंढ रही है।
पैरहन- लिबास, वस्त्र
Meraki Aug 2020
आज़ादी तोह हमें मिल गयी है अंग्रेज़ो से,
अब अपनो से बगावत का वक़्त आ चला हैं,
मुख पे झूठी हँसी और आँसू पीके घटकने का आज अंतिम क्षण आ गया हैं,
चोटें बोहत हैं शरीर पे, पर दिल पे लगी इस चोट पे मल्हम लगाने का समय अब आया हैं,
चूँ ना निकलती मेरे मुँह से,
पर अब अपने लिए खड़े होने और इंसाफ की लड़ाई लड़ने का युग आगया हैं,
चूड़ियों में बंधी बेड़ियो को तोड़ने का ऐतिहासिक कल अब शुरू हो चुका हैं ।।
Manatlebol Aug 2020
क्षणभर विश्रांती चा विचार केला की आठवणींची चाहुल मात्र लुडबुड करायाला लागते
जनू खुप काळ निघुन गेला पण आठवण मात्र तशीच राहते, दडलेल एक पखरू मनातलं तसच मनात वावरत आहे
आठवणींचे क्षण मात्र उमलू लागले आहेत आणी भेटण्यासाठी अततुरतेने वाट पाहत आहेत
कळत नाही कसे सांगावे मनाला त्या क्षणभर विश्रांतीला आराम तरी कासा द्यावा
क्षण असा यावा की नुक्ताच भेटुन खुप आनंद वाटावा, त्याचा हसरा चेहरा बघूनी मन आनंदाने फुलावे
नजरेचा प्रत्येक तो अनमोल क्षण सरळ चेहरावर हस्य बनुन यावे
यावे हे क्षण लवकरच ज्याने तुला पाहुनी मनाची आसना उमलावी क्षणातच
Manatlebol Aug 2020
मन माझे अतूर झाले बोल तुझे ऐकण्यासाठी,
का शरीर थकुनही मन मात्र थके ना ...

रुंणगुणनारे गीत तुझे एकूनी  रोज मी उठते,
स्पर्श तुझा घेता मनी ते माझ्या रुजुनी जाते ...

ये ना सख्या लवकर बघ मी आले,
तोच किनारा तोच समुद्र जणू आपलीच वाट पाहत आहे ...

दाटून आले क्षण असे फक्त तुझे नी माझे,
सांगते मला हरवुनी जावे तुझ्यात कोवळे हे मन माझे ...
Manatlebol Aug 2020
सूर तूझे जुळले असे  
मनी माझ्या रमले असे
ताल तू घेता स्वर हि आले धावून
आवाजाने तुझ्या मीच गेल गुंगून

My friend shared this in a group

जरा धीमे से मुस्कुराया कर
ऐ जिन्दगी....
यहाँ नज़र लगाने वाले
हजा़र हैं.....
( Behold, dear life, do not smile so
I am afraid someone would cast an evil eye )

My response

Muskurati hai zindagi
Nazaraandaaz naa karna

Hawa ka rukh badal jaye
Toh tum naa badal jana

Kuch mausam ki hai sifarish
Aur Zindagi ki guzarish

Muskura rahi hai zindagi
Tum nazaraandaz naa karna


(Life smiles at you
Be not ignorant

The winds may change course
Hope you don’t

The weather recommends
And this life requests too

Life smiles
Be not ignorant)
Was inspired to write in Hindi today
Meraki Aug 2020
मेरे आसूँ सुक गए और तेरी यादें गीली भी ना हुई ।।
Meraki Aug 2020
Tere kadam kya padhe dwar pe,
Tanhai ne toh hume bewafaa karaar kar diya..
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