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Nandini yadav Apr 2020
रूठ जाऊं मैं तो वो मुझे मनाते थे

खुश अगर हूँ मैं तो साथ मुस्कुराते थे

मेरे लिए वो हर मुसीबत से लड़ जाते थे

वो मेरे दोस्त ही थे जो मेरा हर पल साथ निभाते थे,,

राहों में हों कांटे तो फूल बन बिछ जाते थे

लड़खड़ाने लगे कदम तो सहारा बन जाते थे

माना थोड़े कमीने थे शरारतें कर जाते थे

वो मेरे दोस्त ही हैं जो हर पल मेरा साथ निभाते थे,,

ज़िन्दगी की राह में सब अलग अलग हो गए

ज़िमेदारियों के बोझ में इधर उधर खो गए

मिलने जुलने का सिलसिला अब कम हो गया है

देर रात तक गप्पें मारना अब बन्द हो गया है

दुनिया कि इस भीड़ में अकेलापन महसूस होता है

आसां हो जाता है सफर अग़र दोस्त साथ होता है,,

चलो आज फिर से एक शरारत करते हैं

कुछ पल ज़िन्दगी के चुपके से चुरा लेते हैं

खुशियों की पतंगें जो अटक गई थी झाड़ियों में

निकाल के आज उसको एक नई उड़ान भरते हैं,,

छोड़ के सारे मसले जीवन के

चलो आज फिर से मिलते हैं

बैठ के साथ फिर से एक दूसरे के किस्से सुनते हैं

हंसते हैं,मुस्कुराते हैं और फिर एक बार कहते हैं

हाँ.. यही मेरे दोस्त हैं जो हर पल मेरा

साथ निभाते हैं,,।।


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friendship

I used to celebrate my anger
Happy if i smiled together
He used to fight every trouble for me
He was my friend who used to play with me every moment,
If there were thorns in the path, they would become flowers
Stumbling steps became a support
Believed that there were some **s who used to do mischief
But he is my friend who used to play with me every moment,
Everyone got separated in the way of life
Lost in the burden of responsibility
The process of meeting has reduced now
Gossiping off late at night
The world feels lonely in this crowd
Travel is easy, friend is with you
Let's do a prank again today
Steal a few moments of life secretly
Kites of happiness that were stuck in the bushes
Today he takes a new flight
Leave all the issues of life
Let's meet again today
Sit back and listen to each other's stories
Laughs, smiles and then says once
Yes .. this is my friend who is my every moment
Play with,,.
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Nandini yadav Apr 2020
चारों ओर कोहराम मचा
सारी दुनिया घबराई है
स्वर्ग सी अपनी धरती पर
ये कैसी आफत आयी है
जबसे हमने जन्म लिया
न देखा ऐसा मंज़र है
पृथ्वी के सीने में घुसता
कोरोना रूपी खंज़र है,,
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Nandini yadav Apr 2020
आज मन में ये सवाल उठता है

क्यों किसी से बात करने का मन करता है

जब खोए हुए हैं सब अपनी ही दुनिया में

तो क्यों उन्हें तलाशने को जी करता है आज मन में ये सवाल उठता है,,,

कहते तो सब हैं कि हम साथ हैं

दूर हैं लेकिन तुम्हारे पास हैं

फिर ये साथ अधूरा क्यों लगता है

आज मन में ये सवाल उठता है,,,

मीठा बोल के लोग पीछे छुरी चलाते हैं

करते थे अब तक जो नफ़रत हमसे

अब वो साथ मुस्कुराते हैं

अपनी कही बातों से हर दिन मुकर जाते हैं

कभी करते हैं हाँ तो कभी ना कर जाते हैं

रोज़ बदलते रिश्तों पर विश्वास कैसे हो सकता है

आज मन में ये सवाल उठता है,,

          

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Changing relationships


...Today a question arises in the mind
Why would you like to talk to someone
When all are lost in their own world
So why does he live to find them today, this question arises in the mind ,,,
Everyone says that we are together
Away but you have
Why does it feel incomplete then
Today, this question arises in the mind ,,,
People speak sweetly behind a knife
Who used to hate us till now
Now they smile together
Go back on his words every day
Sometimes they do, sometimes they do
How to trust daily changing relationships
Today, this question arises in the mind,
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Nandini yadav Apr 2020
लॉकडाउन हो गया देश में
संकट बड़ा ही भारी है
जब बन्द हो गए सभी घरों में
तब कुछ सेवाएं ज़ारी हैं
बन्द हो गए मंदिर सारे
लोगों के मन मुरझाये हैं
अस्पतालों में देखा हमने
भगवान निकल कर आये हैं,
खुद की परवाह किये बिना
दिन रात जो सेवा करते हैं
देकर नई जिंदगी हमको
खुद रोज़ मौत से लड़ते हैं
मुश्किल भारी इस घड़ी में
कोरोना जैसे रावण है
कोरोना की कमर तोड़ने
आया पुलिस प्रसाशन है
घर परिवार को छोड़ कर अपने
गली सड़कों पर खड़े हुए
न घुसने देंगे कोरोना को
इस बात पर सब डटे हुए
दोस्तों ये समय है ऐसा
हम सबको साथ आना है
बेवज़ह घर से न निकलकर
कोरोना को सफल बनाना है।

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Protector of the country


..Lockdown in the country
The crisis is too heavy
When all the houses were closed
Then some services are released
Temple closed
People's minds are withering
We saw in hospitals
God has come out,
Regardless of myself
Those who serve day and night
Giving us new life
Fight yourself to the death every day
Hard heavy in this hour
Corona is like Ravana
Corona's back break
Aaya is a police officer
Leaving home family
Street standing
Will not allow corona
All set to the point
This is the time friends
We all have to come together
Not needlessly leaving the house
Corona has to succeed.
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— The End —