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 Aug 2019 Surbhi Dadhich
Eloisa
You calmed my heart with your words that sound like angelic hymns
Your unconditional love took me out of my own labyrinth
Thank you for your miracle of love
You have healed my broken wings
Not knowing, where the universe begins
Or how far, the darkness extends
Can one know, where it actually ends
है नहीं मेरी कोई सगी बहन, फिर भी लिखता हूं यह कविता
रिश्ता है बहन का, बहती हुई एक सरिता

मैं नहीं समझा पाऊंगा भाईयो, क्या होता है रिश्ता बहन का
कैसी स्थिति थी हिरण्यक्यपु की, जब दिन था होलिका दहन का

क्या होती है बहन? कैसा होता है यह रिश्ता?
इसमें होता है कोई स्वार्थ, या होती है सच्ची निष्ठा?

सुने बहुत सारे गाने, जो बहन के बारे में आते हैं
जिनकी नहीं है कोई बहन, वे कैसे ये बाते समझते हैं

छोटी कहलाती छुटकी थी, बड़ी कहलाती है दीदी
पहली थी अपनी घर की लक्ष्मी, अब होगी किसी और की निधि

तो क्या है ऐसी कोई कुमारी, जो बनाएगी मुझे भाई
बांधेगी मुझे राखी, आज सूनी है मेरी कलाई
My inner voice is speaking to me,
telling me to give up
On all the paranoid things that has been happening.
Feels like I'm a feather
Left upon to drop
But the wind is stubborn
not letting me to be in the place I'm supposed to.
I'm struggling ,suffering
But incapable.
Incapable of being my own,
And to be, where I should.
Feels like I'm a feather.
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