Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Anil Yelpe Jan 2
ख्वाबों की दुनिया में खोए, हम चलते हैं,
हर मोड़ पर नए रंगों से भरते हैं।
सपने जो आँखों में पलते हैं,
उनकी हकीकत की तलाश में, हम बढ़ते हैं।

कभी चाँद की रोशनी में, कभी सूरज की किरणों में,
ज़िंदगी के सफर में, हम खुद को खोजते हैं।
हर मुश्किल को हंसते-हंसते, पार करते हैं,
क्योंकि उम्मीद की किरण में, हम जीते हैं।

सच्चाई की राह पर, कदम बढ़ाते हैं,
अपने अंदर की आवाज़ को सुनते हैं।
हर पल में छिपा है एक नया अध्याय,
हम अपने ख्वाबों को सच में बदलने का जज़्बा रखते हैं।

हर सुबह नई उम्मीदों से भरी होती है,
सपनों की बुनाई में, ज़िंदगी की लकीरें होती हैं।
कभी मुस्कान, कभी आँसू, हर रंग का स्वाद चखते हैं,
इस खूबसूरत सफर में, हम खुद को और गहराई से समझते हैं।

फूलों की खुशबू में, हम प्यार को महसूस करते हैं,
हर रिश्ते की मिठास में, हम अपनेपन को खोजते हैं।
कभी बादलों की छांव में, कभी बारिश की बूँदों में,
हम अपनी खुशियों की कहानी, हर लम्हे में लिखते हैं।

इस जीवन की किताब में, हर दिन नया पन्ना है,
हम अपने सपनों को जीने का, हर पल एक नया मौका पाते हैं।
चलते रहें इस राह पर, हाथों में हाथ लिए,
क्योंकि हर कदम पर है, एक नई कहानी लिखने का जज़्बा लिए।
यह कविता जिंदगी के खूबसूरत और चुनौतीपूर्ण पहलुओं की यात्रा है। यह हमारे ख्वाबों, उम्मीदों, और उन्हें हकीकत में बदलने की हिम्मत को बयां करती है। हर कदम पर खुशी ढूंढने और अपने आप को गहराई से समझने की प्रेरणा इस कविता में छिपी है।  

यह कविता मैंने जिंदगी के सफर और उसमें छुपे हर पल की खूबसूरती को महसूस करते हुए लिखी है। यह उन ख्वाबों को समर्पित है, जो हमें आगे बढ़ने का साहस देते हैं।

This poem is a journey through life’s beautiful and challenging moments. It explores dreams, hope, and the courage to turn aspirations into reality. It’s about finding joy in every step and understanding ourselves more deeply as we navigate the path of life.  
I wrote this to reflect on the beauty of life's journey and the strength we find within ourselves to keep moving forward, no matter the obstacles.
dead poet Nov 2024
आंसुओं से नमकीन तकिये पर वो ख्यालों का समंदर साध रहा है
निराशा की लहरों के बीच वो अपनी कमर कसकर बाँध रहा है
व्याकुलता पर नियंत्रण कर, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है
गौर से देखो, वो कुछ कर रहा है!

बे-बात ही न जाने क्यों ही दुनिया से वो लड़ रहा है -
शायद अपनी बात रखने की ही तैयारी कर रहा है
महानों के इतिहास में झांक कर वो
अपने भविष्य के पन्ने भर रहा है!
उसे कुछ देर अकेला छोड़ दो,
वो कुछ कर रहा है!

कुछ सोच रहा है, कुछ समझ रहा है!
बंद होठों के पीछे उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से गरज रहा है।
भले ही आज अपने ही लिखे पर हस्ताक्षर करने को डर रहा है -
पर उसे कमज़ोर मत समझना,
वो ज़रूर कुछ कर रहा है!

परिश्रम का फल सदा से अमर रहा है,
पर करने वालों पर सदा से अमंगल का क़हर रहा है।
इसके बावजूद, वो कोयले सा तपकर हीरे सा निखर रहा है -
गौर से देखो, वो कुछ कर रहा है!
dead poet Nov 2024
बड़े होते बस यही सुना था,
‘कुछ सोच बड़ा, कुछ कर बड़ा।’
काँटों भरी इस राह पर मैं नंगे पाँव ही निकल पड़ा।
बहुत निचोड़ा इन भावों को मैंने,
इस खोज में मैंने बहुत सहा।
पर जो दिल से चाहिए, साला आखिर वो मिलता कहाँ!

एक शैतान है मुझमें, जो रोज़ कहता है,
‘छोड़ दे पैशन, कमा ले पैसे।’
‘कला के इस महासागर में डूब मरे हैं तेरे जैसे।’
मानता कहाँ दिल फिर भी मेरा?
ये तो है उसके लिए साँस की तरह!
अब चाहे डूब कर मरे या हो जाए जल कर राख,
इससे दुनिया का क्या लेना-देना?
अपनी लड़ाई भी तो यारो, आखिर खुद से ही थी ना?

कलम की नोक पर ज़िंदगी का भार
उठाते कलाईयाँ रगड़ गईं।
ग़रीबी में आटा गीला था,
आँसुओं से बात और बिगड़ ही गई।
चलो कोई नहीं, मैं भी मान गया!
गिले-शिकवों को पेपरवेट के नीचे दबा गया।
स्याही की कड़वी स्वाद को होठों से लगा गया।
मूंगफली पड़ी थी, उसे रोटी के बीच डाल कर चबा गया।

खोज रहा हूँ आज भी मैं विचारों की वो वर्णमाला,
सहारे जिसके कह सकूँ जो इतने दिन मैंने टाला।

तितर-बितर करते, इधर-उधर भागते,
थोड़ा भटक सा गया हूँ…
बंद घड़ी की सुई की तरह मानो जैसे अटक सा गया हूँ।
वक्त के आगे अपनी क़िस्मत लिखने को जूझ रहा हूँ।
अल्फ़ाज़ों से सजे इस दर्पण को
मैं आपकी ओर रख कर पूछ रहा हूँ…

‘क्या आपको पता है गौरव का फूल किस चोटी पर खिलता है?’
‘ज़िंदगी में जो चाहिए, साला आखिर वो कहाँ मिलता है?’
बात कभी लफ्ज़ोन् या तस्वीरों की थी ही नहीं
बात तो सिर्फ ये है
जो सियाहि से उतरा हो, वो खूबसुरत बन गए
जो सीधे दिल से उतरा हो, वो सुकून दे गए
The one (any kind of art)descended from ink was beautiful and the one descended directly from heart was peaceful...
हर रात अपने साथ एक नई दिन लेकर आति हैं, और हर शाम एक नई सुबह
हर ग़म अपने साथ एक नई खुशी लेकर आति हैं, और हर आँसु मुस्कुराने कि एक नई वजह
हर नींद अपने साथ एक नई ख्वाब लेकर आति हैं, और हर सपना खिलति है एक रोशनि की तरह
मुश्किलों के डर से हम जीना नहीं भूल सकते
क्यूँ की

"इतना बड़ा समुन्दर के अंदर भी एक सुकून होता है
बस ज़िन्दगी जीने के लिए एक जुनून चाहिए होता है"
We can't forget to live in the fear of difficulties because even such a big sea holds great comfort, peace in it and just a passion is needed to move ahead in life...
ज़िदगी में एक बार तो दिल ठूठना ज़रूरी है
ताकि ये पता चले कि उसे किस से बचाना है
पत्थर से ठोकर खाने से हर बार चोट नही लगती
कभी कभी तो खुद को संभालना भी आ जाता है।
It is important to go through a heart-break once in life to know who it should be protected from. Stumbling to a stone doesn't always mean to get hurted, some times it also helps us learn how to handle ourselves...
हमारी दोस्ती..
बादल और बारिश कि तरह हैं
हमारी दोस्ती..
सूरज और धूप कि तरह हैं
हमारी दोस्ती..
समुंदर और लेसरों कि तरह हैं
हमारी दोस्ती..
आसमान और पंछियों कि तरह हैं
हमारी दोस्ती
और क्या कहें जनाब....
एक के बिना दूसरा अधूरा हैं
और दोनों एक साथ हो, तो पूरा हैं।
उसके घने ज़ुल्फ़ों से हमे मोहब्बत थी
उसके प्यारे लफ़्ज़ों से हमे मोहब्बत थी
उसके प्यार हमारेलिए इबादत थी
मगर, उसे हमेशा हमसे शिकायत थी
उसके साथ गुज़रे हुए हर लम्हा खुबसूरत थी
उससेे बिछड़ने के बाद उसकी हर याद हमारे आखोँ में बेमौसम बरसात थी।
जिन पलकों ने ख्वाबों की परियो को पनाह दिया था
आज वही सपने टूठकर आंखों में नमी लाने की सज़ा सुनाया हैं।
खाली हैं मेरी हर शाम जितना काला हैं ये आसमान
खूबसूरत हैं तेरी हर याद जितना कि तेरी ये मुसकान
Next page