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Jayantee Khare Sep 2023
जीवन सारा ऐसे बीता
खाली खाली रीता रीता

क्या अपना था जो है खोया
क्या हासिल है जो है पाया
ऐसी थी तृष्णा मन मृग की
न ही जागा न ही सोया
फिरता मारा मारा हारा
मन को जीता तब जग जीता

पंछी था छोड़ा अपना घर
भूल गए थे उड़ना ही पर
तड़पे ढूँढे रैनबसेरा
लौटा वापिस फिर बेड़े पर
बीच समुन्दर प्यासा अंदर
बूँद बूँद शबनम को पीता

पतझड़ के पत्तों का मंज़र
आज शिखर पर कल धरती पर
नीरसता और सन्नाटे भर
बिन आशा के सूना बंज़र
सूखा टूटा बिख़रा बिख़रा
चाक ज़िगर के ख़ुद ही सीता

जीवन सारा ऐसे बीता
खाली खाली रीता रीता
Jayantee Khare Aug 2023
My heart
Neither sad
about anyone, nor mad...

Yes! It's changed
No one matters
not interested in others' matters

I don't claim
It's under control
But, it doesn't trust them anymore

Not exactly
It's shrunk to few people
But not ready for new hassle

When they meet
I greet with a smile
But "no strings attached" is new style

The status is available
But steered clear
from those who aren't approachable

Have hopes and
Do have desires
But now I do not aspire

Only when it rains
The old wounds pain
But the life is peaceful again
#love #peace #pain
Jayantee Khare Jun 2021
Why just one day allocation?
Whole life is not enough for the creators.
Not just social media celebration,
they deserve gratitude
and
appreciation...
Happiness Happy Seller Was He,
Used To Roam From Street To Street,
Selling Happiness At Throwaway Price,
In Hours Sold His Wares; Made Retreat.

I Asked Price Of A Piece Of Happiness,
He Said, "I Never Demand Any Price,
Whatever Anyone Gives I Accept
Whole-heartedly Without Thinking Twice.

I Was Surprised; Asked Him Again.
"How Do You Meet Your Basic Needs?"
He Said, "As I Sell Happiness To Anyone,
His ****** Glow Gives Me That I Need.
Happiness Is In Giving Not In Hoarding.
तुम कहते हो करूँ पश्चताप,
कि जीवन के प्रति रहा आकर्षित ,
अनगिनत वासनाओं से आसक्ति की ,

मन के पीछे भागा , कभी तन के पीछे भागा ,
कभी कम की चिंता तो कभी धन की भक्ति की। 

करूँ पश्चाताप कि शक्ति के पीछे रहा आसक्त  ,
कभी अनिरा से दूरी , कभी  मदिरा की मज़बूरी  ,
कभी लोभ कभी भोग तो कभी मोह का वियोग ,
पर योग के प्रति विषय-रोध के प्रति रहा निरासक्त?

और मैं सोचता हूँ  पश्चाताप तो करूँ पर किसका ?
उन ईक्छाओं की जो कभी तृप्त  ना हो  सकी?
वो  चाहतें  जो मन में तो थी पर तन में खिल ना सकी?

हाँ हाँ इसका भी अफ़सोस  है मुझे ,
कि मिल ना सका मुझे वो अतुलित धन ,
वो आपार संपदा जिन्हें रचना था मुझे , करना था सृजन। 

और और भी वो बहुत सारी शक्तियां, वो असीम ताकत ,
जिन्हें हासिल करनी थी , जिनका करना था अर्जन। 

मगर अफ़सोस ये कहाँ आकर फंस गया?
कि सुनना था अपने तन की। 
मोक्ष की की बात तो तू अपने पास हीं रख ,
करने दे मुझे मेरे मन की। 

अजय अमिताभ सुमन
अक्सर मंदिर के पुजारी व्यक्ति को जीवन के आसक्ति के प्रति पश्चताप का भाव रख कर ईश्वर से क्षमा प्रार्थी होने की सलाह देते हैं। इनके अनुसार यदि वासना के प्रति निरासक्त होकर ईश्वर से क्षमा याचना की जाए तो मरणोपरांत ऊर्ध्व गति प्राप्त होती है।  व्यक्ति डरकर दबी जुबान से क्षमा मांग तो लेता है परन्तु उसे अपनी अनगिनत  वासनाओं के अतृप्त रहने  का अफसोस होता है। वो पश्चाताप जो केवल जुबाँ से किया गया हो  क्या एक आत्मा के अध्यात्मिक उन्नति में सहायक हो सकता हैं?
Jayantee Khare Dec 2020
In the sun
An uplifting run
Friends having fun
Massaging waves
Healing sand
Heartwarming
The spirit...charging
The soul..Solar powered

Relaxing evening
Stars soothing
The moon balming
The night...calming
Under the sky
The night passing by
The soul...Lunar cooled
Just an imagination
  Dec 2020 Jayantee Khare
Traveler
I am music
the cadence of soul
beat box of rhythm
lyrical poems
I am music
the inertia of dance
primitive passion
arising romance

I am music
of both hemispheres
intuitive and sensing
perception unaware
emotion in motion
routed in love
I am below
sent from above

I am music
I am love
Please never give me up!
Traveler Tim
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