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baat wo jaani pehchaani thi,
school ki wo kahani thi.
subah uthke wo school ko jaana,
waha jate hi teacher ki daant khaana.
class mein chhup ke tiffin khaana,
or har galti par naya bahana.
class mein roz halla karana,
or galti khud ki pe dost ko fasana.
fir chup2 ke dost ko hasana,
usse kehna zara chehra toh dikhana.
pal haseen ye kahin gum se gaye,
ab hum sab alag hogye.
class wo humari ek kamra ban gyi,
or baatein humari yaadein ban gyi.
firse doston ka mela hum lagaynge,
par wo school ke din waaps na aynge.

Riya
चार दिन की चांदनी में, बन गया खुद ही निशाना।
होगया बरबाद इतना, रहा नहीं खुद का ठिकाना।
कैसे बनाए अब वो आशिक, अपना नया आशियाना।
आता नहीं है उसको अपनी बात को दर्शाना।
दुनिया का है काम उसको रोज़ कहीं फसाना।
पर इनकी हरकतों से वो, बिलकुल है अंजाना।
चार लोगों का ज़िम्मा है उसे हर बात पे डराना।
वो रह जाता है पीछे, बिन सुनाए अपना अफसाना।
कब अच्छा हो पाएगा, ये ज़ालिम सा ज़माना।
यहां जालिमों का काम है, सबकी खुशियों को मिटाना।
अच्छे लोगों को ही आता, बस रिश्तों को निभाना।
बुरे को बस आता पीछे, उन रिश्तों से हट जाना।
रिश्ते होते हैं ऐसे, जैसे कोई ख़ज़ाना।
पर दुनिया को बस आता है, उन रिश्तों को हर्जाना।
अब उस आशिक को भी है, उस अफसाने को सुनना।
लेकिन दुनिया धुंड लेती, ना सुनने का नया बहाना।
जानता है कि उसे, अब किसी को नहीं अपनाना।
उसका काम रह गया बस, खुद को तसल्ली दिलाना।
नहीं बना पाया वो, नया अपना आशियाना।
क्यूंकि बदल सकता नहीं, ये ज़ालिम कभी ज़माना।

Riya
Waking up everyday with a lot of dreams,
dreams like full of adventures and screams.
life is such a pure, cute cycle of adventures,
after knowing this, feels like life is itself a dream.
A dream which incarnate your other dreams,
within this excursion of life which you treat as deem.
Life will bless you with some liberal humans,
also, some foment perfidious who will distract you.
Take a lesson from the perfidious ones,
and make a pristine kind way to your dreams.
or else your life will be treated as a changing theme.
Now, when you'll wake up from this dream,
you'll see all your dreams became fulfill and gleam.
: Riyajain
अपनों के फरेब ने जहन मैं सवालों का घर बना दिया.
जवाबों की चाहत मैं खुद को हमने मुसाफिर बना दिया.
चलते चलते कुछ यूँ ही हमने खुद को पा लिया.
सवालों की फिक्र छोड़ खुशियों का घर बना लिया.
जिंदगी ने दोस्त बनकर खुलके जीना सिखा दिया.
मुसाफिर हूँ यारो मैंने , धरती को अपना बना लिया.

वक़्त बेवक़्त अब घुमता हूँ , बिना कोई  चिंता लिये.
झोली भर ली अपनी मैंने, हजार नयी खुशियाँ लिये.
चाँद तारों को निहारते , मुस्कुराना सीख लिया.
बिना कोई मंजिल चुने अब , मैंने चलना सीख लिया.
नयी भोर, नयी राहें , नया सब कुछ पा लिया.
मुसाफिर यूँ यारो मैंने , धरती को अपना बना लिया.

: रिया
 May 2020 Surbhi Dadhich
Loveless
And over time,
My pen stopped bleeding
But my heart didn't
I hide my pain from a lot of people

I don't want to add to their problems

I am afraid to cry in front of my friends

I don't want them to see

the ways that I am broken

I want to be strong for them

So when they ask me how I am

I smile and say


"Everything is OK"


"Everything is OK"


"Everything is OK"



I tell the same lie

every day
There's beauty in broken things
Even light has to be fractured to make color
We held each other tight
as if we were scared to let go.
Soft remarks of affection
Wrapped in heavy blankets
in the safety of my bed.
A museum of memories
only you and I will know.
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