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Unpolished Ink Jan 2023
To amuse myself
I will dance with the mirror
pas de deux pour un
ना माथे पर शिकन कोई,
ना रूह में कोई भय है,
ना दहशत हीं फैली ,
ना हिंसा परलय है
हादसा हुआ तो है,
लहू भी बहा मगर,
खबर भी बन जाए,
अभी ना तय है,
माहौल भी नरम है,
अफवाह ना गरम है,
आवाम में अमन है,
कोई रोष ना भरम है,
बिखरा नहीं चमन है ,
अभी आंख तो नरम है
थोड़ी बात तो बढ़ जाए,
थोड़ी आग तो लग जाए,
रहने दो खबर बाकी,
रहने दो असर बाकी,
लोहा जो कुछ गरम हो,
असर तभी चरम हो,
ठहरो कि कुछ पतन हो ,
कुछ राख में वतन हो,
अभी खाक क्या मिलेगा,
खबर में कुछ भी दम हो,
अखबार में आ जाए,
अभी ना समय है,
सही ना समय है,
सही ना समय है।

अजय अमिताभ सुमन
Unpolished Ink Nov 2022
Fat shiny pebble
Bright jewel on golden sand
Dries dull in your hand
Some things are just for looking at.
Here comes the beautiful blonde
in the blue coat that kills me.
She was out in the snow all night
looking for an African
gray parrot that someone
let slip away,
calling with a voice
that could coo even the
wildest of beasts down from the
heights of the cold trees.
Unpolished Ink Oct 2022
Grey day cardigan
Jumper red and knitted green
Colours of winter
हृदय प्रभु ने सरल दिया था,
प्रीति युक्त चित्त तरल दिया था,
स्नेह सुधा से भरल दिया था ,
पर जब जग ने गरल दिया था,
द्वेष ओत-प्रोत करल दिया था ,
तब मैंने भी प्रति उत्तर में ,
इस जग को विष खरल दिया था,
प्रेम मार्ग का पथिक किंतु मैं ,
अगर जरुरत निज रक्षण को,
कालकूट भी मैं रचता हूँ,
हौले कविता मैं गढ़ता हूँ,
हौले कविता मैं गढ़ता हूँ।

अजय अमिताभ सुमन
सर्वाधिकार सुरक्षित
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