याद भी बाकी नहीं,
उस बीते वक्त की जो हमने साथ गुजारे थें।
पर ज़ेहन में आज भी वो पल जिन्दा हैं,
जब तुम हमसे तो जीते, पर हमको हारें थें।
अफसोस नहीं जाने का तुम्हारे,
क्योंकि तुम ना हमारे थें।
गम तों उन बीते लम्हातों का हैं,
जो हमने तुम्हारे साथ गुजारे थें।
-मेघा ठाकुर