Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
What is it about winter
Sounds are magnified
Voices outside are louder

Barking sound of dogs
Echoing in the cold
Bitter winds blowing
Snow getting deeper and deeper

Frozen lakes and frozen hands
Chapped hands and lips

Silence comes
Over blankets
Of white

A crisp snow covered branch
A crunch in the snow
Waiting for a
New Day
Dad
Dad, I am going to try and write this
It may be a poem
It may not
But from my heart
I miss you
I remember the last time I kissed you
Your eyes were closed
They opened wide
As I kissed your forehead
In that terrible place
So white and clean
Where people die
But you will never die
Dad
I love you so much
And you will always live on
In my heart
Forever
God, I miss you so much
It's so hard to write through the tears
 Feb 2022 Emmanuel Phakathi
nivek
drink of sunshine
wash of rain
blue sky to sail

earth to conceal
stars to dance
crumble of stone.
In the battleground...
He battles to win a bread,
For his loving child'...!
Battleground refers to the struggles of life...
आज 26 जनवरी है, आज हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे!
सुबह सुबह उठकर, कुर्ता पजामा पहनकर, साथ में चश्मा लेकर एकदम हम नेताजी बन जायेंगे |
9 बजे मैदान पहुंचेंगे, 2-4 सेल्फी लेंगे, फिर Insta, facebook पर status update कराएंगे...
आज 26 जनवरी है, आज हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे!

बस आज की मजबूरी में ई तिरंगा को सलामी दे  जायेंगे |
देखा देखी में हम भी जन-गण-मन ख़ुशी का ढोंग करके गायेंगे ||
आज ई सब बड़े दिखावे के साथ कर लेंगे लेकिन कल फिर से भगवा लहराएंगे |
भले हमें खुद नही आता लेकिन दुसरो से जबरदस्ती वन्दे मातरम गवाएंगे ||
आज 26 जनवरी है, आज हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे!

बड़े प्यार से आज हम "जय भीम" का नारा लगाएंगे |
खूब शौक से आज संविधान की कश्मे खाएंगे||
"छोटा बड़ा कोई नही, सब एक बराबर है", आज हम जोर जोर से चिल्लायेंगे|
भीड़ को इकठ्ठा करके, बाबा साहेब की तारीफ के कशीदे पढ़वाएंगे ||
लेकिन बस आज ही करेंगे, कल फिर से इनको इनका औकात दिखाएंगे |
ई भीमराव जो किया है, उसके लिए उसे फिर से गालियाएंगे ||
छोड़िये आज इन सब बातो को, आज 26 जनवरी है, आज हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे!

आज भाषण देने के लिए एकदम बढ़िया मंच सजवाएंगे |
भाषण ऐसा देंगे की सब मंत्रमुग्ध हो जायेंगे ||
नागरिको के संविधानी अधिकारों को अपने भाषण द्वारा उन तक पहुचायेंगे |
सत्ता विरोध और प्रदर्शन के अधिकार को भी उनको समझायेंगे ||
आज तक तो ई सब ठीक है लेकिन कल से जो सत्ता के विरोध में बोला, उसपर UAPA का धारा लगवाएंगे...
विरोध करने का उसको मीठा फल दिलवाएंगे, देशद्रोह का charge लगवाकर उससे जेल में चक्की पिसवाएंगे ...!

आज हम थोड़ा liberals वाला देशभक्ति दिखाएंगे...
कल से फिर दोबारा हम असली राष्ट्रवादी बन जायेंगे!
लेकिन फिलहाल, आज 26 जनवरी है, आज हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे...!
Truth of modern India...

This is a poem written in my very own regional accent, i.e. Bihari accent... So even hindi speaking people may also face problem while reading this...

My very first hindi poem 😅😅

Happy rebublic day 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Next page