पूँछ बैठा आज मेरा साया मुझसे साथ हूँ मैं तेरे जबसे देखा नहीं कभी तुझे मुस्कुराते हुए क्या राज़ है आज बता दे मुझे,, मैनें अपनी झुकी हुई नज़रें उठाते हुए कहा,, सुन,मैं भी मुस्कुराना चाहती हूँ फूलों की तरह खिलखिलाना चाहती हूँ चाहत है खुले आसमां में उड़ने की अपनी बेरंग ज़िन्दगी में रंग भरने की अरमां हैं मेरे भी कुछ अपने खुली आँखों से देखे मैनें न जाने कितने सपने वो नन्हे-नन्हे बच्चे जब बस्ता लेकर निकलते हैं उन्हें देख कर मेरे क़दम भी आगे बढ़ते हैं थाम लूँ इन नन्हे हाथों से कलम आज मैं भी लिख दूँ एक नई दास्तां आज मैं भी किन्तु रोक लेती हूँ फिर खुद को ज़रा जोर से झकझोर लेती हूँ खुद को फिर याद आता है कलम नहीं झाडू है हाथ में और मुझे तो जीना है बस इसी के साथ मैं जन्म लेते ही भुला दिया था मुस्कुराना मैंने एक बेटी होने की यही कीमत अदा की है मैंने एक बेटी होने की यही कीमत अदा की है मैंने,,
www.youtube.com/miniPOETRY
Price ... to have a daughter
..Tail sat today my shadow from me I am with you since Never seen you smiling Tell me what is the secret today I raised my bowed eyes and said, Hey, i want to smile too Wanna blossom like flowers Want to fly in open air To color in your colorless life Armaan is mine too few I don't know how many dreams I can see with open eyes When those little ones get out of the bag Seeing them, my steps also move forward Take hold of these small hands with pen today May I write a new story today as well But I stop myself then Just shake myself hard Remember again the pen is not in the hand And i want to live with it I forgot to smile at birth I paid the same price for having a daughter I have paid the same price to have a daughter,
Hi friends..I want to dedicate my new poem to all the daughters ... For fore videos or poems plzz subscribe my channel miniPOETRY www.youtube.com/miniPOETRY