जब दिन ढल जाये, रात गहराए, तो शहंशाह अपना हरम देखते हैं।
और हम शायर कोनों किनारों में तन्हाई और अपनी लिखाई, कागज, कलम देखते हैं।
As
the lights dim
and
the nights come,
Queens and Kings
look for the palaces,
and
we, the writers, hook up,
look for the pen and papers,
solitude in corners.