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बस हमने अब तक
जीवन में विवाद ही किया है ,
ढंग से अपना जीवन कहां जिया है ?
यह अच्छा है और वह बुरा है !
छोटी-छोटी बातों पर ही ध्यान देकर
खूब हल्ला गुल्ला करते हुए
जीवन में व्यर्थ ही शोरगुल किया है।
समय आ गया है कि हम परस्पर सहयोग करते हुए
अपनी समझ को सतत् बढ़ाएं ।
जीवन धारा में निरुद्देश्य न बहे जाएं ,
बल्कि समय रहते अपने समस्त विवाद सुलझाएं।
आओ आज हम सब मिलकर जीवन से संवाद रचाएं।

अब तक बेशक हम अपने अपने दायरे में सिमटे हुए ,
एक बंधनों से बंधा , पूर्वाग्रहों और दुराग्रहों से जकड़ा , जीवन जीने को ही मान रहे थे , जीवन यापन का तरीका।
इस जड़ता ने हम सबको कहीं का नहीं है छोड़ा।

अर्से से हम भटक रहे हैं, उठा-पटक करते हुए ,
करते रहे हैं सामाजिक ताने-बाने को नष्ट-भ्रष्ट अब तक।

आओ हम सब स्वयं पर अंकुश लगाएं।
समस्त विवादों को छोड़, परस्पर  संवाद रचाएं।
जीवन धारा में  कर्मठता का समावेश करते हुए ‌,
स्वयं को सार्थक जीवन की गरिमा का अहसास कराएं।
२७/१२/२०२४.
बेशक जीवन में
धूम धड़ाका
सब को अच्छा लगता है
पर इसका आधिक्य
बाधा भी उत्पन्न करता है।
धूम धड़ाका घूम घूम कर
धड़धड़ाता हुआ
कभी कभार
खूनी साका भी
रच जाता है,
यह तबाही के मंज़र भी
दिखला जाता है।

आदमी एक सीमा के बाद
इसे अपने जीवन में करने से बचे।
कम से कम वह अपनी खुशियों का अपहरण
स्वयं तो न करे , वह थोड़ा सा गुरेज़ करे।

कभी कभी
धूम धड़ाके जैसा आडंबर का सांप
चेतना और विवेक को न डस सके।
आदमी सलीके से
अपने स्वाभाविक ढंग से
इस बहुआयामी दुनिया के मज़े
दिल से ले सके।
उसकी राह में कोई अड़चन न पैदा हो सके।
वह अपने परिवार के संग
ख़ुशी ख़ुशी जीवन का आनंद उठा सके।
वह कभी धूम धड़ाका करने के चक्कर में
घनचक्कर न बने।
उसके सभी क्रिया कलाप
समय रहते सध सकें।
इस सब की खातिर
सभी जीवन में
अनावश्यक
धूम धड़ाका करने से पहले
अच्छी तरह से
सोच विचार करें
और इस से
जितना हो सके , उतना बचें ,
ताकि आदमी का चेहरा मोहरा
धूम धड़ाके की कालिख से बचा रहे।
उसकी पहचान धूमिल होने से बची रहे।
२२/१२/२०२४.
 Dec 2024 Vanita vats
K
Fire
 Dec 2024 Vanita vats
K
What's not to love?
The obvious always seems so boring,
With you I jitter and laugh.
I now live,
Expecting unconditional love.
Constantly I miss and adore,
your touch.
We float with no gravity.
Love
 Dec 2024 Vanita vats
K
Red
 Dec 2024 Vanita vats
K
Red
Someone forgot the pearl necklace today
I remember seeing a red and white skirt
the sound of the wind was strong
a floral set of earrings
As the camera rolled
a pause stood in the air
there wasn't a single cloud in the sky
the black blouse was transparent
the red on the mustang
reflected your sunshine face.
this poem
is like watching you
over and over again
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