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"समय पर
लग गई ब्रेक
वरना छुट्टी निश्चित थी !
कोर्ट , कचहरी , जेल में
हाज़िरी पक्की थी ! "

ड्राइवर की ,
बस के आगे चलती ...,
मोटरसाइकिल ,
मोटरसाइकिल सवार की
क़िस्मत अच्छी थी कि
समय पर लग गई ब्रेक !
नहीं तो झेलना पड़ता
संताप का सेक !!

आप क्या समझते हैं ?
ड्राइवर ने उपरोक्त से
मिलता जुलता कुछ सोचा होगा ??


मेरा ख्याल है --
शायद नहीं !
न ही ड्राइवर ने ,
न ही मोटरसाइकिलिस्ट ने
कुछ दुर्घटनाग्रस्त होने से
बाल बाल बचने की बाबत सोचा होगा।

सड़क पर
वाहन लेकर उतरना
हमेशा से जोखिम मोल लेना रहा है ।
यहाँ  गंतव्य तक पहुंचने, न पहुंचने  का खेल
चलता रहता है दिन रात ।
यह खेल जिंदगी और मौत के
परस्पर शतरंज की बाज़ी खेलने जैसा है ।
ट्रैफिक लाइटों से लेकर
ट्रैफिक जाम तक
सभी करते हैं एक सवाल
जिसमें छिपा है जीवन का मर्म
जब जीना मरना लगने लगे  
बढ़ते ट्रैफिक की वज़ह से
एक सामान्य घटनाक्रम!
तब कुछ भी
हतप्रभ और
शोकाकुल करने जैसा नहीं।
सड़क भागती है दिन रात अथक
या फिर मोटर गाड़ियां ?
या फिर उनमें बैठी सवारियां, ...!
कौन भागता है सड़क पर ?
लारियां , सवारियां या फिर समय ?


दोस्त , सड़क पर
बहुत कुछ घटित होता है
यहाँ कोई जीतता है तो कोई हारता है।
कोई जिन्दा बच जाता है तो कोई
अपनी जिन्दगी को असमय खो देता है।
कोई सकुशल घर पहुंचता है,
तो कोई अपना अंतिम सफ़र पूर्ण करता है।
इस बाबत कभी नहीं सोचती सड़क, न ही ड्राइवर ।
यह सब कुछ सोचता है...!
वही‌ सोच सकता है
जो निठल्ला है
और अपनी मर्ज़ी का मालिक है ,
कविताएं लिखता है,
वह ताउम्र बस में यात्रा करता है
और हर समय जीवन के रंगों के बारे में सोच सकता है।
वह अपने आसपास से बहुत नज़दीक से जुड़ा होता है।

२०/०३/२००८.
oh
In my dreams
Your car sits outside
My house
bless the wind that brings you a sickness
he only wishes to bring you a smell and a taste
of faraway lands and of faraway times
he wishes not to bring you this dread hiemal curse
only caress and embrace passers-by on his unending route
it is of love, not of hate that the wind makes it so
do not fault him, but bless him
the wind and his curse,
and love him for love is the only thing true
bless him, the traveler, leave a song in his current
and a kiss in his unending route
love and bless the wind that brings you such fine things as these
love and bless the wind and forgive his disease
far or close, doesn’t matter
where we are present now
we are part of our fantasies

weak or stronger, mostly better
never believed is that possible
we are part of our fantasies

sooner or later, writing letter
locked out in our worlds
we are part of our fantasies

now or never, tell you later
feel like never before when
we are part of our fantasies
#fantasy
I touched that feeling
...sleeping
...dreaming
I am not sober anymore
Sip of...
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