लोग पूछते है कोई है लाइफ में? जो आपके दिल में रहता है वो जो आपको और आप जिसे अपना मानते है और वो जो आपको अपने दिल की हर बात कहता है ! मैंने कहा मेरी ज़िन्दगी तो अपनों से ही घिरी हुई है, में उनके दिल में रहती हूँ, और उनकी तस्वीर मेरे दिल में बसी हुई है ! वो लोग जिन्हे में अपना भी मानती हूँ,और वो लोग भी मुझ पर जान निसार करते है... और वो लोग भी है इसमें शामिल, जो मुझसे अपने दिल की हर बात करते है.... लेकिन शायद आपको उस शख्स का नाम सुनना है, जिसकी सिर्फ परछाई मेरे ख़्वाबों में है, तस्वीर अब तक नहीं बन पायी है ! इसलिए हाँ में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है..... बहुत लोगो को देखा है की वो जिससे दिन भर चैट किये बिना नहीं रहते कुछ समय बाद "कुछ काम था क्या" इस लफ़्ज़ को है कहते पहले तो उन लोगो को एक दुसरे के मैसेज का इंतज़ार रहता है लेकिन कुछ वक़्त गुजरने के बाद उनमें से एक का तो "अब इसका कॉल क्यों आ गया " ये हाल रहता है... पहले जो लोग बहुत अच्छे लगते है वो फिर बोरिंग हो जाते है, पहले जिनसे रोज़ मिलने की चाह होती थी उन्हें फिर वही एक नज़र न भाते है ! बहुत कसमें वादे करते है एक दुसरे से और उन्हें सच समझकर खुश हो जाते है जब आने वाला कल आज में तब्दील हो जाता है असल मज़ा तो तब आता है जब ये पता चलता है की न ही वो लड़का उस लड़की का हुआ और न ही वो मोहतरमा उस लड़के की वाइफ है, इसलिए में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है! कभी कभी मेरा मन हो जाता है की किसी से बात कर लूं और कभी दुसरे के जज़्बातों का भी थोड़ा तो ऐहतेराम कर लूँ लेकिन किसी पर यकीन करना इतना आसान नहीं होता है उस विश्वास के टूटने का डर भी तो हमेशा आस पास होता है ऐसा बिलकुल नहीं है कि इस जहां में कोई सच्चा ही न हो... लेकिन उसे पहचानने का हुनर कहा सबके पास होता है ? वो बहुत खुशनसीब होते है जो पहचान जाते है उस परछाई के पीछे छिपी तस्वीर को, लेकिन अभी मेरे पास न ही ये समझ हैं न ही ये राइट है अभी तो मंजिल तक पहुँचने के लिए करनी बहुत फाइट है, इसलिए में अभी तक सिंगल हूं और कहती हूँ कि सिंगल लाइफ ही बेहतर लाइफ है...!
This poem is related to me and I am an excellent example of this poem.