कभी मत रहो आश्रित किस्मत पर केवल
करो तुम मेहनत, तभी होंगे तुम सफल
पहले तुम्हारे काम अटकते हुए दिखेंगे
पहले तुम्हारे मार्ग भटकते हुए दिखेंगे
कुछ समझ में न आए तभी जब तुम्हें
मन से ताकत खिसकते हुए दिखेंगे
धीरे - धीरे बाद में तुम जाओगे संभल
करो तुम मेहनत, तभी होंगे तुम सफल
छांव धूप से तुम्हे डराती हुई आयेगी
सुस्ती तुम्हे आलस्य सिखाती हुई आयेगी
जब इन सभी से काम नहीं बने तो
किसी और की गिरावट दिखाती हुई आयेगी
इन सब को पीछे छोड़कर तुम आओगे अव्वल
करो तुम मेहनत, तभी होंगे तुम सफल
जब काम बाजू रखकर तुम सोने वाले हो
तब काम रुक जाएगा, तुम रोने वाले हो
वक़्त पर तुम अगर नहीं जागे तो
अपने हाथों से सबकुछ खोने वाले हो
तन - मन से निकलो बदबूदार यह तरल
करो तुम मेहनत, तभी होंगे तुम सफल