Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Aug 2020
पुराने संदूक में ये क्या खोज रही है
शायद नन्हे बच्चों को अपने ढूंढ रही है।
छोटे छोटे रंग बिरंगे पैरहन में
उनका बचपन संजोए रखा था।
सब कुछ टटोलकर शायद
अपनी मुस्कुराहट ढूंढ रही है।
पैरहन- लिबास, वस्त्र
Nalinee
Written by
Nalinee  42/F
(42/F)   
Please log in to view and add comments on poems