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Mar 2019
बुद्धका आभास करोगे भरि दिलसे
बन्दुक, बारुद फेँकोगे अप्नी घरसे

शान्त मनहो ,हो शान्त दुनीया
शान्त कर्मोमे मीलेगा फल बढियाँ
शान्तीके नामोमे लडेथे पिछ्ली दुनीया
दुखः.के  सिवा कहा मीला उनहे चैन
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

दया  करणा हो सारि जनमे
मर्ने मारनेका न होगी  वातेँ
जुल्म रोको अब शान्त मनसे
उठोगे उपर दुसरोके दिलमे
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

लहु लालका मोल लो जानो
बगाकर  लाल ,  मिला फल क्या, सोचो
आँएथेँ  तुमभी, यहाँ हाथ  खाली
मिलेगा तुमेभी, जगा, पाँच फुट, खाली
बुद्धका आभास...............बन्दुक बारुद.........

लालसा, जब छोडोगे, तुम मनसे
शान्त होगा मन, होगा शान्त घर भी
बुद्धको, दिवार नही, मनमे, बसालो
अह्ङकार मीटाके, शान्त, साँसे बढालो
बुद्धका आभास ........... बन्दुक बारुद
Genre: Inspirational Gazal
Theme: Let peace be with you
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
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