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Manatlebol Aug 2020
मन माझे अतूर झाले बोल तुझे ऐकण्यासाठी,
का शरीर थकुनही मन मात्र थके ना ...

रुंणगुणनारे गीत तुझे एकूनी  रोज मी उठते,
स्पर्श तुझा घेता मनी ते माझ्या रुजुनी जाते ...

ये ना सख्या लवकर बघ मी आले,
तोच किनारा तोच समुद्र जणू आपलीच वाट पाहत आहे ...

दाटून आले क्षण असे फक्त तुझे नी माझे,
सांगते मला हरवुनी जावे तुझ्यात कोवळे हे मन माझे ...
Manatlebol Aug 2020
सूर तूझे जुळले असे  
मनी माझ्या रमले असे
ताल तू घेता स्वर हि आले धावून
आवाजाने तुझ्या मीच गेल गुंगून
Meraki Aug 2020
Tere kadam kya padhe dwar pe,
Tanhai ne toh hume bewafaa karaar kar diya..
Meraki Aug 2020
Me
Afraid,
Afraid if someone will know my inner side, undress my soul and uncover my scary wounds.
Meraki Aug 2020
मेरे जग की सुन्दरता तोह तेरी अखां विच बसी है,
गरजने पे में सहमुन, तेरे बरसने पे मैं तेरे साथ झुमलूँ,
ओर खिलखिलाने पे एकदम सूरजमुखी की तरह खिल उठूँ,
मेरे जग की सुन्दरता तोह तेरी अखां विच बसी है ।।
Meraki Jul 2020
घर वो जहाँ रूह को सुकून मिलें ,
वो सुकून मुझे तेरी बाहों में मिलता है ।।
Meraki Jul 2020
गणीत में बड़ा कच्चा है तू,
मेरी प्यार की गहराई को कभी नाप ही ना पाया।
anu Jul 2020
कैसे छटपटाया है वो
उसने कोई दलील ना छोड़ी
कोई अदालत नहीं छोड़ी
कड़ियां तक भी तोड़ी
फिर भी जिंदगी हार गया
जब वो हारा कोई रो ना पाया
इसी तरह छटपटाई होगी वो
उसने भी बहुत मिन्नत की होगी
उसने सबको फरियाद की होगी
हिम्मत भी नहीं छोड़ी होगी
फिर भी जिंदगी हार गई
जब वो हारी तब सब रोयें
उसको भुला नहीं पाए।
     -अनु सिगंला
इन्सान की ये फितरत है अच्छी खराब भी,
दिल भी है दर्द भी है दाँत भी दिमाग भी ।
खुद को पहचानने की फुर्सत नहीं मगर,
दुनिया समझाने की  रखता है ख्वाब भी।

शहर को भटकता तन्हाई ना मिटती ,
रात के  सन्नाटों में रखता है आग भी।
पढ़ के हीं सीख ले ये चीज नहीं आदमी,
ठोकर के जिम्मे नसीहतों की किताब भी।

दिल की जज्बातों को रखना ना मुमकिन,
लफ्जों में  भर के पहुँचाता आवाज भी।
अँधेरों में छुपता है आदमी ये जान कर,
चाँदनी है अच्छी पर दिखते हैं दाग भी।

खुद से अकड़ता  है खुद से हीं लड़ता,
जाने जिद कैसी है  कैसा रुआब भी।
शौक भी तो पाले हैं दारू शराब क्या,
जीने की जिद पे मरने को बेताब भी।
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