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Bhakti Feb 2018
ये इसलिये नही की आज दिन है मोहोब्बत बया करने का
फकत उम्मीद हुई कि आज के दिन , इश्क की इश्क फरियाद करता होगा

सच है कि अब गैर दामन है , तेरी मोहोब्बत समेटने को
पर लगा कि मेरा साया तुझे छू के गुजरता होगा

वो जो मासूमियत ओढ़े हुए , ख्वाबो के साथ जब गहरी नींद में सोते थे
वो खूबसूरत नजारा अब किसी ओर की आँखों में संवरता होगा

सच है कि आजतक रूबरू नही मैं उस वजह से की तू चला गया अचानक
पर एक अजीब सा बेखोफ याकिन है कि तेरे दिल के एक कतरे में अब भी मेरा अश्क सजता होगा

थक कर जिस रात , एक बेमतलब , बेवजह वो पहली मोहोब्बत याद आती होगी
नर्म बिस्तर पर मेरी ही तरह तू भी सारी रात करवटें बदलता होगा
YUKTI Feb 2018
I love high tides
grey clouds
deep water
cold sand
and lone me.
it's so peaceful!!
-Yukti
Bhakti Feb 2018
मेने सुना था कि कलम की ताकत जमीर हिला देती है
जो बहे विपरीत हवा , रास्ते से हटा देती है|

तो आज लिखती हूँ ,इसी विश्वास से हर शब्द
आत्मा चीख रही , इस माटी को दे कुछ वक्त |

कैसे उठ रही, परदेश के जिंदाबाद की आवाजें
गद्दारो को कैसे देश की संतान से नवाज़े |

क्यों सो रहा है, देश का हर खोलता रक्त यहाँ
रक्त रंजीत अक्षरों से इतिहास लिखा गया जहाँ ।

इस सोच से बढ़ चली की कोई साथ दे सकता है
बड़ी शान से जवाब मिले , हम कर भी क्या सकते हैं ।
हम तो आम जनता हैं,

ये आम जनता पूरा शहर जला सकती है
ये आम जनता लाशें बिछा सकती है ।
पर जो बात आये देश की
तो ये जनता कर ही क्या सकती है।

जिस देश का हर पन्ना , वीरों के गीत गाता है,
उस धरती पर कैसे कोई परदेश की जय कर जाता है।
Tv अखबारों में जो पढ़ते हैं,                            
चंन्द लम्हो में भूल जाते हैं।
ना खून खोलता है , ना दिल दहलता है,
ना जाने कैसे चैन की नींद सो पाते है

की पलटो पन्ने ,देखों  इतिहास मत दोहराओ
यू ही मरने के लिए मत जियों ।।                    
कोई एक काम तो मातृभूमि के लिए कर जाओ
एक हो देश की सोचकर देशभक्त बन जाओ।
It is shameful for us that in India how easily a person living in India is able to say a word against India and even in front of an Indian public, easily and proudly Sloganeering "another country Zindabad" And still stands with life.
Bhakti Feb 2018
जाम में खो जाने का एक ही सुकून है
ना मुझे तू याद रहता है
ना तेरी बदगुमानी
Bhakti Feb 2018
उसकी मोहोब्बत लिख कर शायर बने थे
ओर बेवफाई लिख मशहूर हो गए
Bhakti Feb 2018
इन काच की बोतलों में दम घुटता है
घूरती हुई आखो से तीर सा चुभता है

रस्मो रिवाजो में कैद से है
पल पल गिरती रेत से है
हर औरत की यही कहानी
लफ्ज जुदा , जस्बात एक से है

हर दिन सारे आम एक दामन लुटता है
इन काच की बोतलों में दम घुटता है
Bhakti Feb 2018
कई दफा कोशिश की
लिखू ऐसा की दर्द की तस्वीर ना झलके
पर इस कलम का रिश्ता जो दिल से है
जब भी उठती है .....जख्म ही लिखती है
YUKTI Jan 2018
I kept my hands over my ears
the reason behind is my country's tears..

They keep saying
we live in a country where **** and ****** are meaning less
Debating on politics and religions are mandatory..

It breaks my heart to read or listen words like this for my nation
But the problem is not my country but our thinking, perception, unity and Emotion..

Hashtags like #notmyindia have to be #iamnothatindian
Cause each one of us can dominate our motherland being politician or comedian.
Bhakti Jan 2018
इल्जाम नही है, बस पूछ रही हूँ ।

किसी की आँखों को अश्क थमा कर ,
कैसे मुस्कुराते है बता दे ?
थामे हाथो को मझधार में छोड़ ,
मुकाम कैसे पाते है , सीखा दे ?

सुना है आजकल किसी गैर की बाहो में सजता है तू ,
अपने इश्क की खुशबू भुला , गैरो को करीब कैसे लाते है बता दे ?

की फितरत नही हर रोज नया इश्क कर पाना
तू बस आख़री मोहोब्बत है , कह कर
औरों से इश्क कैसे फरमाते है जता दे ?

मेरी तो परवरिश में मोहोब्बत को पूजा जाता है
पर दुसरो के ख्वाबों का गुलिस्तां जला ,
अपना बाग़ कैसे सजाते है बता दे

इल्जाम नही है , बस पूछ रही हूँ
YUKTI Jan 2018
One day I sat down in my bathroom,
Might be because of the cold wall behind me
Or maybe because what I just saw in the mirror
"the new me".
I saw a deep skinny girl apparently me
The thinness of the neckline scared my soul,
The pale color covered my whole,
Lips were darkened,
Eyes were dull,
Face looked like almost dead,
That day I felt the most lethal fear of mine.
Commonly named as BODY SHAMING.
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