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Megha Thakur
Poems
Jun 2020
आँखे
ये आँखे आत्मा का दरपन है,
बिन बोले सब बयान कर देती है।
छिपाती नहीं कुछ भी ये,
इंसान का हर राज़ बतादेती है।
झूठ इनकी फ़ितरत में नहीं,
ये तों सच का साथ ही देती है।
झाँकना हो किसीकी मन में तों,
रास्ता भी यहीं बतादेती है।
-मेघा ठाकुर
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Written by
Megha Thakur
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