सोइ नही हे आँख क्यू तेरी आँसु गिर रहा हे , क्या कही —२
व तेरा य मेरा फिरसे कौन कहेगा मीट्टीको कैसे, कहाँ कोइ इन्सान छोडेगा व पहेली बक्तपे, किसने क्या ले आएँ मीट्टीही एक थी जो ए सोच रहीथी —२ व पीछली बक्तपे किसने सँग क्या ले गएँ मीट्टीही एक थी जो ए देख रहीथी
सोइ नही हे आँख क्यू तेरी आँसु गिर रहा हे क्याँ कही फूलका वासमे भमरे क्यू डूले रोसनी वाद ही चाँद फिर क्यू डुले दर्दसेही आखोँमे आँसुव क्यू गीरे