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Mar 2019
लगा आज फिर चाँदनी रात हे —२
चिढिया बोले तो हमने ए माना
दुर कही तुम आइ हो
आज फिर चाादनी रात हे —२

उस तरफ रोसनी नही थी
उस तरफ किसिका खयाल नही था
पर आज भी चाँदनी रात हे —२

चिडिया बोले तो हमने ए माना
दुर कही तुम आइ हो
हवावमे ए महेक आया तो लगा
दुर कही तुम आइ हो

दुरसे पास आकर कोइ चले
दिलको चैन जबभी मीले
लगा आज फिर चाादनी रात हे
आज फिर  चाँदनी रात हे

आज फिर चादनीँ रात हे —५
Genre: Gazal
Theme: Inspiring Muse
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
373
 
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