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Jayantee Khare
Poems
Mar 2018
होली का गीत (फ़ाग)
फागुन में उड़े रे गुलाल
होली खेले नन्दलाल
जोगी रा सारा रर!
होली रे होली
ग्वालों की टोली
गोपियन संग खेलें
चल हमजोली
फागुन में उड़े रे गुलाल
होली खेले नन्दलाल
जोगी रा सारा रर!
रंग दे हर रंग में
अपने संग में
बहक न जाएँ
हमतुम भंग में
फागुन में उड़े रे गुलाल
होली खेले नन्दलाल
जोगी रा सारा रर!
होली हो जमके
मारो ठुमके
मिटा दो शिकवे
अपने मन के
फागुन में उड़े रे गुलाल
होली खेले नन्दलाल
जोगी रा सारा रर!
Happy holi....inspired by amit narayan satpathy's poem on holi
#holi
Written by
Jayantee Khare
45/F/Pune, India
(45/F/Pune, India)
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