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Jayantee Khare
Poems
Feb 2018
nazm
क्या पता
दिल क्यों लापता
ढूंढे उनका ही पता
क्या जूनून
कहाँ है सुकून
जाने क्या ये मज़मून
कैसे कहें
दर्द ये सहते रहें
चुप कब तलक रहें
हर लमहा
दिल है तनहा
उनकी खबर ही कहाँ
रात में रोये
चैन से न सोये
रहे कितने खोये खोये
क्या माज़रा
कोई पूछे ये जरा
क्यों रहे दिल डरा डरा
न दे सजा
दूर अब न जा
पास आ भी जा
Inspired by ravindra nayak
#ravindra
Written by
Jayantee Khare
45/F/Pune, India
(45/F/Pune, India)
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