ख्वाबों में है चेहरा तेरा, यादों में तेरी आवाज़,
इच्छा बस यही है कि आ सकूं मैं तेरे पास।
दुआएं मेरी अब मिलने लगा है तेरी ख्वाहिशों से,
तेरे नाम के अलावा कोई लफ़्ज़ नहीं मेरे होठों पे।
पता नहीं क्यों चाहूं तुझे, हैं तू पर्दे के पीछे,
और भी हैं कबूतरें आसमान के नीचे।
पर इस कबूतर वहीं पर अटका है जहां मिली थी ये परिंदा,
उस दिन से किया है इस मरे हुए आशिक़ को ज़िंदा।
Your face resides in my dreams, your voice echoes in my memories,
My only desire is to be close to you.
My prayers now align with your wishes,
There’s no word on my lips except your name.
I don’t know why I yearn for you, hidden behind a veil,
Though many doves soar under the same sky.
Yet this dove is stuck where it first met you,
For since that day, you’ve breathed life into this broken lover.