Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Snehith Kumbla Jul 2016
so in pure
fabled fashion,
at the battle of Haldighati (1576),

Chetak, Maharana Pratap
astride, leapt across
a gaping betwixt two cliffs

and fatally injured,
died a hero,
that

400-odd years later
the Arabian steed
stands stone-cut in Jaipur,

the Maharana
urging him on
to battle,

Chetak,
all set to go
airborne...
Jaipur - A city in India.

As the legend goes...Chetak was the horse of Rajput king Maharana Pratap, one of the few rulers who resisted Mughal rule in the 16th century. The horse saved the king's life by leaping across a pass and thus evading the Mughal army. Chetak succumbed to its injuries as a result of the great jump.
Bhakti May 2018
शिरोमणि , मातृभक्त , शूरवीर , सिसोदिया वंश के युवराज थे ।
किया समर्पित तन , मन , धन ऐसे महाराणा प्रताप थे ।

लोभ , मोह , भोग , विलास सब छू भी ना उनको पाता था
स्वाभिमान देख उनका पाषाण भी शीश झुकाता था

घर , परिवार , आराम का विचार भी ना हृदय तक आता था
इतिहास का वो पन्ना भी सम्मान से लिखा जाता था

काली मुगलिया छाया में वो उजले प्रभात थे
मातृभूमि के तेजस्वी पुत्र वो महाराणा प्रताप थे

चुनी घास की रोटियाँ , महलों का 56 भोग ठुकराया
तिलक किया मातृभूमि को लहू से , विजय पताका फहराया

हाथ जोड़ नतमस्तक है धरती का हर एक कण
धरती माँ तेरे नाम किया जीवन का हर एक क्षण

हीरे जवाहरात कब भाये पहने स्वाभिमान का ताज थे
रक्त से लिखी स्वयं की गाथा वो महाराणा प्रताप थे
वो महाराणा प्रताप थे

— The End —