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Dhaneshwar Dutt Jul 2019
नशे की यह लत करदेती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।
नशे की यह आदत कितनो को खा गई।
अच्छी खासी ज़िन्दगी पानी में मिला गई।
ज़िन्दगी में हर पल क्यों रहता है परेशान ।
नशे का गुलाम ख़ुद करता है अपना नुकसान
अकेला रह जाता है, साथ छूट जाता है।
तब ज़िन्दगी में नही बच पाता है प्यार।
नशे की यह लत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।

ये ज़हर पहले तू ख़ुद पी जाता है।
फिर बाद में दुसरो को पिलाता है।
कभी दो घूंट लगाता है, धुँआ उड़ाता है।
नशा करके शायद तुझे बड़ा मज़ा आता है।
क्या यह नशा ही अब तेरी जरूरत है।
बिना नशे के यह दुनियाँ बहुत खूबसूरत है।
बिक चुके सबके घर, मैदान, खेत और चौबारे।
नशा करके घूम रहे है, आज युवा सारे।
नशे की लत से हो चुके सब बेरोजगार।
कोई और नही तुम स्वयं हो इसके जिम्मेदार।
नशे की यह लत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।

नशा कर देगा ज़िन्दगी में घाव बहुत गहरा।
अंधेरे में जियेगा, ना हो पायेगा कभी सवेरा।
नशे की आदत में खुद नष्ट हो जायेगा।
एक दिन इस दुनियाँ से ही खो जायेगा।
छोड़ दे यह नशा आदत बहुत बेकार है।
इससे तू नही हर कोई आज परेशान है।
किसने नशा बनाया कौन है सबका गुनहगार।
पता नही कब बंद होगा यह सारा कारोबार।
नशे की यह आदत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।
Dhaneshwar Dutt
Dhaneshwar Dutt Mar 2021
चाँद चांदनी को चाहता है जिस कदर, वैसे चाहूँ मैं तुझे।
मेरी एक ख्वाहिश तू मेरी बन जा या अपना बना ले मुझे।
मुझे अच्छी तरह याद है वो दिन, जब हम बस में मिले थे।
जाने अनजाने सही दिल मे प्यार के कुछ फूल खिले थे
ये भी याद है तुम ने उस दिन क्या पहना हुआ था,
तुमसे क्या बोलू ये सोचकर दिल बहुत सहमा हुआ था।
बस उस दिन के बाद मेरा दिल तेरी याद में सदा डूबे,
तुम्हारे बिना इस दिल को और कुछ भी नहीं सूझे,
तुम मेरे पास होती हो तो मुझे लगता है
इस दुनिया की हर ख़ुशी है मेरे पास है
तुम नही हो अगर इस ज़िंदगी मे….
फिर इस जिंदगी का हर एक पल उदास है।
मैं समझ जाऊँ सबकुछ कभी इशारों में कहो
तुम क्या हो मेरे लिए, तुम कितनी जरूरी हो
दिल नही जानता मोहब्बत, क्या है गलत क्या सही
दिल की कुछ हज़ारो बाते जो मैंने तुमसे नही कही।
तुम्हारी बातों से हो जाता हूँ मदहोश
दिल को नही रह पाता है कुछ भी होश।
दिल पर मेरे अब मेरा बस नही

ज़िंदगी तुम्हारे बिना ज़िंदगी नही
ये दिल बस तुम्हें खुश देखना चाहता है,
मोहब्बत के सिवा मुझे कुछ नही आता है
जब तुम खुश होती हो तो मुझे
सारी कयानात खुश नज़र आती है,
जब तुम कभी उदास होती हो
तब मेरी दुनियाँ उदास हो जाती है।
ना मेरे पास ज़्यादा पैसा, ना ज़्यादा दौलत, ना शौहरत।
ये चीज़े नही काम की बस ज़िंदगी में है तुम्हारी जरूरत
मगर दिल चाहता है तुमको वो हर चीज़ जरूर मिले।
हम दोनों के बीच कभी ना हो कोई शिखवा और गीले।
प्यार नही है तुमसे, चली जाओ, मैं ऐसा कभी ना कहूँगा
तुम्हें प्यार करता था, करता हूँ और हमेेेशा करता रहूँगा।
Dhaneshwar Dutt Jul 2019
दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा
मौसम है यह कितना सुहाना
मुझको दिल का है राज़ बताना
मैंने तुमसे प्यार किया है
तुमको अपना दिल यह दिया है
तेरी चाहत में हूँ दीवाना
तेरे संग जीवन है बिताना
दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा

तेरी यादें दिल को जलाये
रातो को मुझे नींद ना आये
दिल चाहता है करना बाते
जब आती है तेरी यादें
तेरे बिन तो मैं हूँ अधूरा
तुम मिल जाओ तो मैं हूँ पूरा
तेरे संग यह ज़िंदगी गुज़ारु
तुझको आपने दिल में छुपा लू
तुझको दिल के मैं राज़ बताऊ
तुझसे किया हर वादा निभाऊ
तुझसे मेरा यह रिश्ता है गहरा
हर पल दिखता है चेहरा तेरा
ज़िंदगी में है अब हर पल अँधेरा
तुम आजाओ तो होगा सवेरा
दिल से दिल का यह रिश्ता हमारा
तुम हो मेरी और मैं हूँ तुम्हारा
Dhaneshwar
Dhaneshwar Dutt Jul 2019
ओ मेरे पहले प्रेम
तू मुझे याद ना आया कर
तेरे बिन अधूरा हूँ मैं
तू ना मुझे सताया कर
याद तेरी जब आती है
अंदर से टूट जाता हूँ
कितने आँसू आते है
मगर किसी को ना बताता हूँ
अब रातो में आकर
तू ना मुझे जगाया कर
ओ मेरे पहले प्रेम
तू मुझे याद ना आया कर

देखा था जब मैंने तुझको
तू थोड़ा शरमाई थी
अपने दिल के अंदर तूने
कितनी बात छुपाई थी
जब मेरे वादे सुनकर
तेरी आँखें भर आई थी
मुझसे मिलने के लिए
तू मेरे घर तक आई थी
अब अपनी यादोें के सहारे
तू मुझको ना रुलाया कर
ओ मेरे पहले प्रेम
तू मुझे याद ना आया कर

याद है मुझको वो हर पल
जो तेरे साथ बिताया था
ढूंढ रहा हूँ तेरा घर
जो तूने मुझे दिखाया था
कोई मेरा प्यार क्या समझे
तू तो बस मेरा है
बिन तेरे इस ज़िंदगी में
हर तरफ अँधेरा है
तेरी खातिर मैंने कितना
दर्द यह झेला है
कुछ गलत ना कर बैठे
दिल बहुत अकेला है
अब मुझे दूर रहकर
तू इस दिल को ना जलाया कर
ओ मेरे पहले प्रेम
तू मुझे याद ना आया कर
Dhaneshwar Dutt

— The End —