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Dhaneshwar Dutt Jun 2021
Having a boyfriend or girlfriend is not love....But Having someone in your life on whom you have blind faith that even if you hurt them to the extreme they will still hold your hand and say:..."I was, I am, and I will always be yours"
That's Love ......
Dhaneshwar Dutt Jun 2021
It’s so difficult to describe depression to someone who’s never been there, because it’s not sadness.
I know sadness. Sadness is to cry and to feel. But it’s that cold absence of feeling— that really hollowed-out feeling.
Dhaneshwar Dutt Jun 2021
Nowadays people have forgotten to love.
Everyday people are changing girlfriends and boyfriends like changing clothes.
People have made love for business nowadays.
Nobody appreciates true feelings and Everyone is giving more importance to body and money.
Nowadays no one loves the heart, even though someone loves the heart but no one appreciates their love.
If both lovers are true lovers, then this society and their family never allows their love to succeed.
Dhaneshwar Dutt Mar 2021
चाँद चांदनी को चाहता है जिस कदर, वैसे चाहूँ मैं तुझे।
मेरी एक ख्वाहिश तू मेरी बन जा या अपना बना ले मुझे।
मुझे अच्छी तरह याद है वो दिन, जब हम बस में मिले थे।
जाने अनजाने सही दिल मे प्यार के कुछ फूल खिले थे
ये भी याद है तुम ने उस दिन क्या पहना हुआ था,
तुमसे क्या बोलू ये सोचकर दिल बहुत सहमा हुआ था।
बस उस दिन के बाद मेरा दिल तेरी याद में सदा डूबे,
तुम्हारे बिना इस दिल को और कुछ भी नहीं सूझे,
तुम मेरे पास होती हो तो मुझे लगता है
इस दुनिया की हर ख़ुशी है मेरे पास है
तुम नही हो अगर इस ज़िंदगी मे….
फिर इस जिंदगी का हर एक पल उदास है।
मैं समझ जाऊँ सबकुछ कभी इशारों में कहो
तुम क्या हो मेरे लिए, तुम कितनी जरूरी हो
दिल नही जानता मोहब्बत, क्या है गलत क्या सही
दिल की कुछ हज़ारो बाते जो मैंने तुमसे नही कही।
तुम्हारी बातों से हो जाता हूँ मदहोश
दिल को नही रह पाता है कुछ भी होश।
दिल पर मेरे अब मेरा बस नही

ज़िंदगी तुम्हारे बिना ज़िंदगी नही
ये दिल बस तुम्हें खुश देखना चाहता है,
मोहब्बत के सिवा मुझे कुछ नही आता है
जब तुम खुश होती हो तो मुझे
सारी कयानात खुश नज़र आती है,
जब तुम कभी उदास होती हो
तब मेरी दुनियाँ उदास हो जाती है।
ना मेरे पास ज़्यादा पैसा, ना ज़्यादा दौलत, ना शौहरत।
ये चीज़े नही काम की बस ज़िंदगी में है तुम्हारी जरूरत
मगर दिल चाहता है तुमको वो हर चीज़ जरूर मिले।
हम दोनों के बीच कभी ना हो कोई शिखवा और गीले।
प्यार नही है तुमसे, चली जाओ, मैं ऐसा कभी ना कहूँगा
तुम्हें प्यार करता था, करता हूँ और हमेेेशा करता रहूँगा।
Dhaneshwar Dutt Aug 2019
अब बात नही होती
अब मिलते भी नही है
अब ब्लॉक भी कर दिया है
अब सारी तस्वीरे भी जला दी है
अब फोन का नम्बर तक डिलीट कर दिया है
उसकी यादे भी अपने दिल में दबा दी है।
अब उसको याद करके रोया भी नही जाता।
लगभग कुछ भी नही बचा अब हम दोनों के बीच
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मगर ये कैसा इश्क़ है खत्म होने का नाम ही नही लेता
Dhaneshwar Dutt Jul 2019
नशे की यह लत करदेती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।
नशे की यह आदत कितनो को खा गई।
अच्छी खासी ज़िन्दगी पानी में मिला गई।
ज़िन्दगी में हर पल क्यों रहता है परेशान ।
नशे का गुलाम ख़ुद करता है अपना नुकसान
अकेला रह जाता है, साथ छूट जाता है।
तब ज़िन्दगी में नही बच पाता है प्यार।
नशे की यह लत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।

ये ज़हर पहले तू ख़ुद पी जाता है।
फिर बाद में दुसरो को पिलाता है।
कभी दो घूंट लगाता है, धुँआ उड़ाता है।
नशा करके शायद तुझे बड़ा मज़ा आता है।
क्या यह नशा ही अब तेरी जरूरत है।
बिना नशे के यह दुनियाँ बहुत खूबसूरत है।
बिक चुके सबके घर, मैदान, खेत और चौबारे।
नशा करके घूम रहे है, आज युवा सारे।
नशे की लत से हो चुके सब बेरोजगार।
कोई और नही तुम स्वयं हो इसके जिम्मेदार।
नशे की यह लत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।

नशा कर देगा ज़िन्दगी में घाव बहुत गहरा।
अंधेरे में जियेगा, ना हो पायेगा कभी सवेरा।
नशे की आदत में खुद नष्ट हो जायेगा।
एक दिन इस दुनियाँ से ही खो जायेगा।
छोड़ दे यह नशा आदत बहुत बेकार है।
इससे तू नही हर कोई आज परेशान है।
किसने नशा बनाया कौन है सबका गुनहगार।
पता नही कब बंद होगा यह सारा कारोबार।
नशे की यह आदत कर देती है बेकार।
अच्छा खासा उजड़ जाता है परिवार।
Dhaneshwar Dutt
Dhaneshwar Dutt Jul 2019
बाँसुरी चली आओ होंठो का निमंत्रण है
तुम्हे बुलाया कान्हा ने आज दिया आमंत्रण है
बिन तुम्हारे कान्हा अधूरा है
गोपियों के मन में उलझन है
बाँसुरी चली आओ होंठों का निमंत्रण है

जितनी राधा प्यारी है उतनी तुम भी प्यारी हो
होंठों से कुछ ऐसी धुन निकलू जो सबसे निराली हो
बिन तुम्हारे हर तरफ कितनी उदासी है
तुमसे मिलने को अब तक मेरी आँखें प्यासी है
मेरे होंठों से निकला हर स्वर तुमको अर्पण है
बाँसुरी चली आओ होंठों का निमंत्रण है

हर तरफ इस दुनिया में कितना अंधकार है
बिन तुम्हारे जीना मुझे नही स्वीकार है
तुम्हारी प्यारी धुन गोपियों को सुनानी है
मेरे संग यह गोपियाँ भी तुम्हारी दीवानी है
तान भावना की है शब्द शब्द तर्पण है
बांसुरी चली आओ होंठों का निमंत्रण है
बिन तुम्हारे मेरी हस्ती अधूरी है
तुम चली आओ गीत गाना जरूरी है
तुम नही आयी तो गीत गा नही पाऊँगा
स्वर तो खीचूँगा पर सजा नही पाऊँगा
अंधकार को मिटाने की बस एक ही किरण है
बाँसुरी चली आओ होंठों का निमंत्रण है
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