लोग कहते हैं, जीवन है एक बहुमूल्य वरदान ।
तूने, हर मानव को दिया है, यह दान।
पर पुछु तुझे, यह कैसा वरदान ?
मै तो जी रही हूं यहां, बनके बेजान ।
जीवन की वज़ह न जानूं, क्यों कहते है लोग इसे महान?
न इसमें कोई अपनापन है; ना ही, स्वाभिमान ।
फिर भी लोग कहते हैं, जीवन है एक बहुमूल्य वरदान ।
क्यों ?
Armin Dutia Motashaw