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Nov 2018
किसे सुनाऊं मैं, दिल की दुखभरी दास्तान
संग मेरे रोता भी नहीं अब तो यह आसमान
बस जिया रोता है, और पीड़ित है जान
अकेली रोती हूं, किसे सुनाऊं अपना हाल; हूं मै बेजुबान
दर्द से जलता है जिया, पर  जाती नहीं है जान ।
दुर दुर तक रोशनी नज़र न आए, चांद बिना का है आसमान।
जाऊ तो जाउ कहां मै, कठोर है सारा जहान

Armin Dutia Motashaw
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   Alexander T
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