आँखों मे आ गया पर छलका नहीं । ठहर गया दो पल पलकों पर , हूँ बस पानी पर हल्का नहीं ।
रुका में की नजर ना आये दर्द उसका भीड़ को । पर भीतर आये सेलाब ने सब्र को झंजोड दिया । कई मर्तबा जुंझा में उसकी इस कशमकश में... कई दफा उसने मुझे मुस्कुरा कर पी लिया ।
अबके जो पलकों पे आया तो रुका भी , सोच कर दुनिया का ये अश्क थोड़ा सूखा भी । ना कुसूर ना आदत उसकी तकदीर में था सहना । करता भी क्या मामूली अश्क हूँ , मेरी नियति है फकत बहना ......
तन्हाई में कुछ पल... खुद को हँसाना चाहती हूँ । बंद कमरे में सन्नाटे में क्यों भीड़ का शोर हैं । मेरे दर्द की हर चीख़ को कुछ पल दबाना चाहती हूँ । जो बीत गया के जख्मों से रूह लहूलुहान हैं । वक्त के उस दौर को कुछ पल भुलाना चाहती हूँ ।
They want to sit in aeroplane and travel the whole world together but their bodies are not in condition to do so.
They want to ride a horse and play polo but their age does not allow them to do so.
They want to be happy and enjoy every moment but their white hair makes every moment tasteless.
They want that as a couple their partner should die first or both of them should die together so that after their death no one can hurt their partner but their destiny does not let them to do so.
The darkest dream of 'I will die soon' haunts their real dreams, desires and themselves.
They are the cutest couple of every family 'GRANDPARENTS'.
कई मर्तबा सोचा , लफ़्ज़ों से मुलाकात की बेइंतेहा गुरूर के पक्के है , जुबा तक नहीं आते फकत इन्तेजार में लम्हे गुजरना , शायद जायस पर दोबारा जस्बात , इश्क के इम्तेहान को नहीं जाते मुस्कुराती जिंदगी से कुछ मसला हैं मेरा शायद खूबसूरत लगती है , चुभती तन्हा राते
I do not know what kills my excitement of the festival. I do not know who ends the trust once I used to build on someone. I do not know when love became a synonym for pain and regrets. I do not know why I laugh so much when it's hard to even smile. I do not know how I suddenly forget to talk or to answer anyone.
When I anticipate about myself I have definitely lost myself somewhere