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Jun 2022
जैसी तैसी ज़िन्दगी
यू हीं हैं कट रही
टेढ़ी-मेढ़ी राहो से
जैसे तैसे गुज़र रही

जहा सुख का फ्रूट मिले
जूस बनाके पी जाओ
किसे पता क्या होगा कल
इसी पल में जीवन जी जाओ

हार और जीत के संघर्ष में
सुख और दुख के जंगल से
इनके संगम से उत्पन्न जो नदी
उसी का नाम जिंदगी
Daivik
Written by
Daivik  18/M/UtopiaDystopia
(18/M/UtopiaDystopia)   
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   SUDHANSHU KUMAR
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