नए रंग नए संग नई तरंग नई उमंग कभी रुलाये कभी हंसाये कभी छलावा कभी भुलावा कभी दिखावा कभी मिलावा कई छोड़ जाते जोड़ तोड़ आते कहीँ मोड़ आते गठजोड़ हो जाते कहीं मिलते धोखे कहीँ यार अनोखे कभी गुलज़ार होती कभी ख़ार ख़ार होती जरा सी सुलझ जाती फिर और उलझ जाती कभी हम मोहताज़ होते कभी फिर सरताज़ होते जिंदगी कभी लगती पहेली ये जिंदगी कितनी है अलबेली