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Mar 2019
सुनाताहु मे अब, एक घरकी कहानी —२
जिन्दगीने किया, कैसे छेड्खानी

हस्ता, चेहरा हे उसका, दिलमे दर्द हे पुरानी
लगाहे आग मनमे, कोइतो पिलाव थोडा पानी
प्यार देकर बढ्ता हे , कभी कम नही होता
दर्द सुनाकर दिल रोता हे, आसुव का दासता —२

सुनाताहु मे अब, एक घरकी कहानी
जिन्दगीने किया, कैसे छेड्खानी

ऋतु आएँ, अाँख आगे, नआया, उसके अपने
नइ पत्ते, लगा पेढँपे, नआया, उसमे मौसमे
खुशी कोइ रंगमे नही आता हरघडी सामने
बन्द किए पल्कँे, उघरते नही सुनके बात, प्यारके —२

सुनाताहु मे अब एक घरकी कहानी
जिन्दगीने किया कैसे छेड्खानी
Genre: Gazal
Theme: Story Of Pain || Narration
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
489
   Suzzu
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