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Mar 2019
नसा नही था सराबका , वही अब बना सहारा
सराबी नही मे, पर हु उस् घडीका मारा

दुनीया कहे पागल, कोइ दिवाना
कोही मुह मोडे, कोही रुठ जाए
कोही  देखे घुरके , कोही फिर संझाए
याद नही मुझे बना कैसेमे, सराबी
कास, राहोमे कोइ मुझसे टक्राए —२

रात कट्ती नही, सराब बगयर
साकी मेरे बहुत, लेकिन, सवही सराबी
रंग बिरंगी सराब हे, लेकिन, नसा हे सबका वही
पिकर, पिलाकर आज फिर, एक आगया चेतना
कास, राहोमे कोइ मुझसे टक्राए —२

आजभी पिनाहे बनके सराबी
सुनेगा कोइ फिर, मेरे पुरि कहानी
रंगीन होगा मेहफिल,  झुमे सब सराबी
कम पडेगा आज फिर, महेकदाका पानी
याद नही मुझे बना कैसेमे सराबी
पिकर, पिलाकर आज फिर, एक आगया चेतन

नसा नही था सराबका , वही अब बना सहारा
सराबी नही मे पर हु उस् घडीका मारा —२
Genre: Gazal
Theme: Intoxication
Mystic Ink Plus
Written by
Mystic Ink Plus  M/Nepal
(M/Nepal)   
239
 
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