H'llo Poetry
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2024 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Jayantee Khare
Poems
Feb 2019
जय भारत
चर्चे हों कुरबानी के दुश्मन ललकारे घर में घुसकर
तो प्रेम दिवस की बातें करना कहानी सा लगता है
जब तिरंगे में लिपटकर वापिस आते वीर चवालिस
तब चॉकलेट और तोहफ़े लेना मनमानी सा लगता है
जब शहीदों की चिंताओं पे सौ सौ फूल बरसते हैं
तब ग़ुलाब की आस लगाना बेमानी सा लगता है
बारूदों की आग लगी जब झुलसे देश धमाकों से
मोमबत्तियों में दावत खाना क्या रूमानी सा लगता है
जब माँओं की गोद उजड़ती लावारिस हों नन्हे मुन्ने
मेहबूब की बाहों में छुप जाना नाफ़रमानी सा लगता है
जब हो जाये सीमाओं पे कितने निर्दोषों की कुर्बानी
तब बेमतलब के जलसों में भी वीरानी सा लगता है
चीत्कार हो वीरों का जब करना हो कुछ काम तूफ़ानी
तब चैन से सोना भी वतन से बेईमानी सा लगता है
Love my india
#rip
#soldiers
#india
#bravehearts
Written by
Jayantee Khare
45/F/Pune, India
(45/F/Pune, India)
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
464
---
,
---
,
Tanay
,
Jashn
,
Salmabanu Hatim
and
3 others
Please
log in
to view and add comments on poems