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Feb 2019
चाहत न है अब किसी की, न किसी से ऐतबार की तमन्ना है,
ये दिल निठल्ला हो चुका है, इसने आशिक़ी के मायने जो भूला दिये हैं,
थाम के बैठ गया सांसो को उड़ने का जो मन नही,
बेपरवाह किसी के इश्क़ में मचलने की आरज़ू अब नही,
गुंजाइश नही रखता किसी से अब मैं वफ़ा की,
मेने मेरे दायरे जो सिमटा दिये हैं,
बहुत कोशिश की थी खुद को समझाने की, बहलाने की,
पर अब नहीं,
नही हो पाता, जो बीत चुका उससे कैसे लड़ पता,
खिलोना थोड़ी न था, टूट गया, जोड़ लिया, फ़िर खेल लिया, फिर टूट गया तो जोड़ लिया,
अरे ये दिल है हाड़ मास का बना हुआ है,
भावनाओ से ओतप्रोत ये भी दुखी हुआ है,
चलो इसको भी दलीलें दे दी,
समझाइशे भी दे दी,
ये नही करेगा अब किसी से ऐतबार, इसको भी हमने धमकीया दे दी ।।

Instagram/nadanista
Ritvik Tiwari
Written by
Ritvik Tiwari  21/M/UJJAIN
(21/M/UJJAIN)   
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