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Mar 2018
थम जा ए जिंदगी
अभी कुछ पल जीना बाकी है
ठहर जा एक पल को जरा
कड़वे कुछ गम के प्याले पीना बाकी है

वो जब एक ख्वाब सा टूटा था
वो साथ जो छुटा था
पी लिए थे सारे अश्क जमाने की सोच कर
जी भर के वो रुआँसी पलके भिगोना बाकी है
रुक जा ए जिंदगी..........

वो हम जो रूठे थे , उनके लाख मनाने पर
आसमा पाने , छोड़ गए थे कापते हाथ गुमनाम किनारे पर
किये पर इस रूह को हर दिन तड़पाना बाकी है
रुक जा ए जिंदगी...........

अब जो धुंधला गई है आँखे
बेवफा सी नजर आती है सासे
कितना भी समेटु बिते पलो को
हाथो में रेत की तरह हर याद गुम जाती है

कुछ पल बस कुछ पल थम जा जिंदगी
वो अधूरी ख्वाहिश जीना बाकी है
थोड़ा और जीना बाकी है.....
Bhakti
Written by
Bhakti  26/F/India,Indore
(26/F/India,Indore)   
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