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545 · Apr 2018
फ़रिश्ता
Preeti Khurana Apr 2018
कौन है तू ?क्यूँ है तू आया ?

पर अब मेरी समझ में है ये आया ।

तू है उस अल्लाह का फरिश्ता,

और डालने मेरी झोली, उसकी रहमत तू आया ।

उसकी रहमत से अब ये दिल बागबान हो गया ,

जो था सब डर अब वो नाशवान हो गया ।

फरिश्ते अब जाने का तेरा वक़्त है आया ,

इस दिल से उस खुदा का शुक्रिया ,

जो तू इस बेजान में प्यार की आवाज़ भर गया ।
291 · Apr 2018
ये कौन है ?
Preeti Khurana Apr 2018
ये कौन है ?
कौन है जो मेरी रूह को एक नयी आवाज़ दे रहा है ?
कौन है जो मेरे विचारों को गहरायी दे रहा है ?
क्या मैं वही हूँ, जो पहले थी ?
या कोई मेरी इच्छाओं को नए पंख दे रहा है ?
एक वो थी,
जो बस उड़ने के ख़्वाबों को बुनती थी,
पर पता नही कब उन ख़्वाबों का रंगीन ताना बन गया.
और लगा के जैसे दुनिया बदल सी गयी.
आस्मां जैसे बाहें फैलाये उसका ही इंतज़ार करने लगा.
ख्वाबों के दरवाज़े की जैसे चाबी सी मिल गयी.
हर दिन जैसे एक नया गीत गाने लगा.
ख़ुशी की सीम्माएं जैसे लुप्त हो गयी .
शायद ख़ुशी भी उसके संग हो गयी.
ऐसे लगा के जैसे ये वक्त बंद पड़ गया.
पर फिर भी जैसे चलता रहा
उसकी दुनिया में टिक टिक की आवाज़ का संगीत भरता रहा.....

— The End —