कौन है तू ?क्यूँ है तू आया ?
पर अब मेरी समझ में है ये आया ।
तू है उस अल्लाह का फरिश्ता,
और डालने मेरी झोली, उसकी रहमत तू आया ।
उसकी रहमत से अब ये दिल बागबान हो गया ,
जो था सब डर अब वो नाशवान हो गया ।
फरिश्ते अब जाने का तेरा वक़्त है आया ,
इस दिल से उस खुदा का शुक्रिया ,
जो तू इस बेजान में प्यार की आवाज़ भर गया ।